स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन, कहा- देश के नेतृत्व ने कोरोना की चुनौती का सामना किया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!। इस वर्ष के स्वाधीनता दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि इसी वर्ष से हम सब अपनी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा, “कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आज़ादी का सपना साकार हुआ था। उन सभी ने त्याग व बलिदान के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।
राष्ट्रपति ने बच्चों के माता-पिता से अपील करते हुए कहा कि विकास के आयाम तलाशने के लिए बेटियों को भी अवसर उपलब्ध कराएं। भागीदारी में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाएं सफल हो रही हैं। टोक्यो ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है। भारत ने ओलंपिक खेलों में अपनी भागीदारी की 121वर्षों में सबसे अधिक पदक जीतने का इतिहास रचा है। देश के नेतृत्व ने कोरोना की चुनौती का सामना किया। हमारे वैज्ञानिकों ने कम समय में वैक्सीन बनाई।
वैक्सीनेशन अभियान पर
हर तरह के जोखिम उठाते हुए हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे कोरोना वॉरियर्स की कोशिशों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है। कोविड की दूसरी लहर से हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे पर बहुत दबाव पड़ा है। अब तक के अनुभव से यही सीख मिली है कि अभी हमें लगातार सावधानी बरतने की जरूरत है। हमारे देश में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को वैक्सीन लग चुकी है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें।

राष्ट्रपति के संबोधन की खास बातें…

मुझे इस बात की खुशी है कि सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर से कृषि के क्षेत्र में बढ़ोतरी जारी रही है।
जब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ईज ऑफ लिविंग पर भी पड़ता है।
एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में किए गए अनेक सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और भी मजबूत होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी।
यह बात संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक साल की अवधि में ही 23,220 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। यह सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर जल्द ही एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है।
सरकार ने इस विशेष वर्ष को यादगार बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। गगनयान मिशन उन अभियानों में विशेष महत्व रखता है।
हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने न केवल पेरिस जलवायु समझौते का पालन किया है, बल्कि जलवायु की रक्षा के लिए तय की गई प्रतिबद्धता से भी ज्यादा योगदान कर रहा है।

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