आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े अहमद मसूद अकरम शेख को आठ साल सश्रम कारावास की सजा

जमशेदपुर 23 फरवरी संवाददाता अलकायदा आतंकी संगठन से जुड़े अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मोनू को गुरुवार को अदालत ने आम्र्स एक्ट के तहत आठ साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई. जबकि इस मामले के अन्य एक आरोपी नसीम अख्तर उर्फ राजू मानगो जाकिर नगर निवासी को अदालत ने गत सोमवार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. अदालत ने मोनू पर अलग से दस हजार रूपए का अर्थदण्ड भी लगाया हैं. इस मामले की सुनवाई एडीजे – वन संजय कुमार उपाध्याय की अदालत कर रही हैं. मामले में कुल 18 लोगों की गवाही हुई तत्कालीन बिष्टुपुर थाने के इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार को वर्ष 2016 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम से सूचना मिली थी इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार ने बताया था कि उन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सूचना दिया था कि धातकीडीह रज्जाक कॉलोनी के रहने वाला अहमद मसूद अकरम शेख जो अलकायदा संगठन से जुड़े हैं और शहर के नव युवकों को नेटवर्क से जोड़ रहा हैं. 22 जनवरी 2016 को उसे थाने में बुलाकर पूछताछ करने पर संलिप्तता पाया गया उसने बताया कि वर्ष 2003 में अब्दुल रहमान उर्फ कटकी से मिला था. वह मुख्य कार्यकर्ता हैं,जिसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं. मसूद ने पुलिस को बताया था कि मसूद मानगो के मौलाना अब्दुल कलीमुद्दीन के घर में अब्दुल रहमान से मिलता था और यह भी बताया था कि वर्ष 2011 में वह सऊदी से लौटा था. हाल ही के दिनों में अब्दुल शम्मी से भी मुलाकात हुआ था. जिसे भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अब्दुल समी पाकिस्तान से जेहादी ट्रेङ्क्षनग करके लौटा था. आतंकी संगठन के लिए मानगो जाकिरनगर के रहने वाला नसीम अख्तर उर्फ राजू आतंकी संगठन के लिए आम्र्स का आपूर्ति करता था. नसीम अख्तर पाकिस्तान से जारी ट्रेङ्क्षनग कर चुके हैं उसी ने अब्दुल मसूद को एक 9 एमएम का पिस्टल दिया था माशूक के निशान देने पर पुलिस ने उसके आवाज से एक 9 एम एम का पिस्टल (मेड इन – जपान), 9 एमएम का 5 ङ्क्षजदा गोली के अलावे 3 मोबाइल और चिप्स एवं अलकायदा से जुड़े दस्तावेज जब किया था. अदालत ने अरोपी अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मोनू को आम्र्स एक्ट की धारा 25ए एवं धारा 26 के तहत दोषी करार दिया हैं. अब्दुल रहमान उर्फ कटकी एवं अब्दुल शम्मी का मामला अलग से चल रही हैं.

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