राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी समेत पांच दोषी 31 साल बाद जेल से रिहा

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी श्रीहरन को शनिवार, 12 नवंबर 2022 को जेल से रिहा कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 11 नंवबर को हत्याकांड के सभी 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. नलिनी श्रीहरन को जेल से रिहा करने से पहले तमिलनाडु की वेल्लोर पुलिस ने रुटीन प्रकिया को अंजाम दिया.

जेल से रिहा होने से पहले नलिनी आज सुबह ही वेल्लोर के पुलिस थाने भी गई थीं, जहां पर पेरोल शर्तों के तहत अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. दिन में उनका एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें पुलिस उनको वैन में लेकर जा रही थी. समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर उसने देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया था. कांग्रेस ने रिहाई के इस फैसले को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया. नलिनी ने खुद के बारे में कहा कि वह आतंकवादी नहीं है.

संविधान की शक्तियों का किया इस्तेमाल

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने बताया था कि वह राजीव गांधी हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पूर्व रिहाई के पक्ष में है. मद्रास हाई कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्‍ना की बेंच ने एक अन्‍य दोषी, एजी पेरिवलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाया. 18 मई को, संविधान के अनुच्‍छेद 142 के तहत मिली शक्तियों का इस्‍तेमाल करते हुए पेरिवलन की रिहाई के आदेश दिए थे.

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