मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन खचाखच भरा रहा एग्रिको मैदान, कई सम्मानित

जमशेदपुर , 19 मार्च (रिपोर्टर): ललित नारायण मिश्र सामाजिक व सांस्कृतिक कल्याण समिति की ओर से आयोजित दो दिवसीय मिथिला महोत्सव में दूसरे दिन मौसम के मेहरबान रहने से एग्रिको मैदान खचाखच भरा रहा. मिथिला महोत्सव में मिथिला हाट आकर्षक का केन्द्र रहा.
ललित नारायण मिश्र सामाजिक व सांस्कृतिक कल्याण समिति की ओर से एग्रिको मैदान में आयोजित मिथिला महोत्सव में मिथिला हाट का उद्घाटन मुख्य अतिथि उषा रानी ने किया. मिथिला हाट में मैथिल महिलाओं की ओर से मिथिला के विविध व्यंजनों के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से तैयार फूड प्रोडक्ट्स की भी प्रदर्शनी लगायी गई. व्यंजनों में ओल का खीर,मखाना का खीर ,मालपुआ तली हुई मछली तिलकोर, कचरी, दाल पुरी आदि के स्टॉल में लोगों को काफी आकर्षित किया. मिथिला महोत्सव के मुख्य मंच का उद्घाटन पूर्व सांसद डा. अजय कुमार, उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा व पूर्व विधायक अरविन्द कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मिथिला की परंपरागत सम्मान परंपरा के अनुसार अतिथियों का सम्मान पाग पहनाकर शॉल ओढ़ा किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष व पूर्व सिविल सर्जन डा. ए के लाल ने किया और उन्होंने कहा कि उन्हें ललित बाबू से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है और उनसे वे प्रभावित रहे हैं .उनके व्यापक दृष्टि का ही परिणाम था कि कोशिका बांध बन सका और देश के कोने -कोने में बिहार झारखंड सहित रेल पहुंची. समिति के महासचिव शंकर पाठक ने धन्यवाद ज्ञापन किया. अतिथियों के सामने दरभंगा तक रेल की सुविधा दिलाने समेत अन्य मांग रखी जिसका समाज के लोगों ने स्वागत किया. इस मौके राजीव ठाकुर, विजय चंद झा ,निवास झा, सरोज कांत झा , चंदन मिश्र, पंकज कुमार राय, राघव मिश्र ,प्रफुल्ल चन्द्र मिश्र, शिव चंद्र झा, रंजीत झा, राजेश झा आदि मौजूद थे.
इस अवसर पर प्रख्यात सर्जन गंगा मेमोरियल अस्पताल के संचालक डा एन सिंह, सहित र्कई अन्य को सम्मानित किया गया।
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विद्यापति की भाषा संस्कृति ने किया देश को गौरवान्वित: डा. अजय
पूर्व सांसद डा. अजय कुमार ने कहा कि मिथिलावासी प्रबुद्ध समाज के लोग हैं, जो हमेशा समाज और राज्य के लिए चिंतन करते रहते हैं. जब भी समाज को जरूरत हुई है यह समाज ने हमको याद किया है. हम समाज के साथ खड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि मिथिला समाज की ओर से मैथिली भाषा के लिए किए गए आंदोलन में भी हम साथ थे. आगे भी समाज की जो भी जरूरत होगी साथ खड़े रहेंगे. उन्होंने कहा कि विद्यापति की भाषा संस्कृति ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में मिथिला के योगदान को सम्मानित किया. उन्होंने ललित बाबू को याद करते हुए कहा बहुत दिनों के बाद पैसे जन नेता पैदा होते हैं जिन्हें सभी वर्गों का प्यार मिले. ललित बाबू केवल बिहार के नहीं पूरे राष्ट्र के नेता थे जो अपने समाज के साथ-साथ सर्व समाज के लिए चिंतनशील रहते थे.
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सरकार को चाहिए कि सभी भाषाओं को उचित सम्मान दे: अरविन्द
पूर्व विधायक अरविन्द सिंह ने ललित बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की और अपने समाज के साथ हमेशा खड़े होने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि नियोजन नीति में मैथिली सहित सभी भाषाओं को उचित सम्मान दें. भाषा के नाम पर राजनीति को उन्होंने नकारात्मक बताया.
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मिथिला पेंटिंग के विकास को सतत प्रयासरत: अरुण मिश्रा
उत्पाद आयुक्त अरुण मिश्रा ने कहा कि ललित बाबू जैसे नेता उनके विकास परख नीति को आज समय की जरूरत बताया. उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिंग मिथिला अक्षर आदि के विकास के लिए हुए सतत प्रयत्नशील रहे. आज आर्थिक विकास के लिए इस प्रकार की योजना की जरूरत है उसमें ललित बाबू की विकास पर दृष्टि बहुत याद आती है.

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