कोरोना की वजह से 10 हजार निजी स्कूल बंद,दो साल में सरकारी स्कूलों में बच्चे बढ़े , निजी स्कूलों में घटे

नई दिल्ली –
दो साल में देश में सरकारी स्कूलों में बच्चे बढ़े हैं, निजी स्कूलों में घटे हैं। इसके असर से 10 हजार निजी स्कूल बंद हो गए। अब नए निजी स्कूल खोलने के आवेदन 4 गुना तक बढ़ गए हैं। नए निजी स्कूल खोलने के आवेदन पिछले एक साल में 4.38 गुना बढ़े हैं। 2021 में कुल 2,066 नए आवेदन मिले थे। 2022 में 9,057 आवेदन मिले हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में कोरोना की वजह से 5,406 निजी स्कूल बंद हो गए। इसी तरह 2020 में 5,052 निजी स्कूल बंद हुए थे। इन्हीं दो साल में निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की संख्या 30.52 लाख घटी है। वहीं, सरकारी स्कूलों में 2021 के मुकाबले 2022 में 40 लाख बच्चे बढ़ गए हैं। 2021 में देशभर में पहली कक्षा में 1.85 करोड़ नए एडमिशन हुए।
इनमें से 1.19 करोड़ एडमिशन सरकारी या सरकार अनुदानित स्कूलों में हुए। निजी स्कूलों में सिर्फ 66 लाख एडमिशन हुए। 24 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में सरकारी स्कूलों में ज्यादा एडमिशन हुए हैं। फिलहाल, देशभर में 63% बच्चे सरकारी या सरकार अनुदानित स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सिर्फ 7 राज्यों में निजी स्कूलों में सरकारी स्कूलों से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। ये राज्य हैं– पंजाब, हरियाणा, मणिपुर, नगालैंड, तेलंगाना, पुदुचेरी और उत्तराखंड।
सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट घटा, लेकिन MP समेत 5 राज्यों में अभी सर्वाधिक
देश में 9वीं-10वीं तक स्कूली बच्चों का ड्रॉपआउट रेट घटकर 14.6% पहुंच गया है। 2020 में यह 16.1% था। जिन राज्यों में निजी स्कूलों में ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं, ड्रॉपआउट रेट भी वहीं ज्यादा है।

स्कूल छोड़ने वाली सबसे ज्यादा लड़कियां मप्र और गुजरात में
मध्यप्रदेश में हर 100 में से 24 लड़कियां 10वीं कक्षा से पहले ही स्कूल छोड़ रही हैं। गुजरात में यह औसत 20.9% और बिहार में 17.6% है। इसी तरह प. बंगाल (15.7%), झारखंड (13.7%), UP (13%), हरियाणा (12.3%), छत्तीसगढ़ (11.4%) और पंजाब (11.1%) में भी हालात ठीक नहीं है। चंडीगढ़ (1.6%), केरल (4.9%) में ड्रॉपआउट रेट सबसे कम है।

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