102 साल पहले साकची का नामकरण हुआ था जमशेदपुर

 

जमशेदजी नसरवानजी टाटा के सम्मान में रखा गया था नाम
2 जनवरी, 1919 जमशेदपुर के लिए एक यादगार दिन था, जब भारत के तत्कालीन गवर्नर जेनेरल व वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड 1916-1921 ने पहली बार शहर का दौरा किया. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान टाटा स्टील एंड स्टील कंपनी टिस्को, अब टाटा स्टील के ब्रिटेन को दिए गए प्रचुर सहयोग के लिए इसके संस्थापक जमशेदजी नसेरवानजी टाटा के सम्मान में इसका नाम बदलकर साकची से जमशेदपुर रखा. इस सहयोग के परिणामस्वरूप मेसोपोटामिया, फिलिस्तीन व पूर्वी अफ्रीकी में युद्ध ब्रिटिश पक्ष में गया.
साकची से जमशेदपुर नामकरण के दौरन लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने कहा था कि मैं शायद ही इसकी कल्पना कर सकता हूं कि इन चार वर्षों में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान यदि टाटा कंपनी हमें न केवल मेसोपोटामिया के लिए, बल्कि मिस्र, फिलिस्तीन व पूर्वी अफ्रीका के लिए स्टील रेलों को उपहार देने में सक्षम नहीं होती, तो हम क्या करते और मैं यहां अपना आभार व्यक्त करने के लिए आया हूं . यह कल्पना करना मुश्किल है कि 10 साल पहले, यह जगह झाड़ व जंगल थी. और यहां हमारे पास अब 40 से 50 हजार लोगों की आबादी के साथ स्थापित फाउंड्रियां व इसके वर्कशॉप्स हैं. यह महान उद्यम जमशेदजी टाटा की कल्पना व उनकी दूरदृष्टि का प्रतिफल है. अब इस स्थान के नाम में परिवर्तन होगा और अब इसे साकची के रूप में नहीं जाना जाएगा, बल्कि इसके संस्थापक के नाम से पहचाना जाएगा, जो जमशेदजी टाटा के नाम को युगों-युगों तक कायम रखेगा. अब यह स्थान जमशेदपुर के नाम से जाना जाएगा.
युद्ध के दौरान 29,000 टन स्टील की आपूर्ति की गई, जिसका इस्तेमाल रेल बनाने के लिए किया गया. कुछ मात्रा में शेल बार स्टील का भी उपयोग किया गया था, जिन्हें गोले, शेल के खोल के निर्माण के लिए गोलाकार बार के रूप में उत्पादित किए गए थे. गोले ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में बनाए गए थे, जो टाटा स्टील का हिस्सा नहीं था.
17 फरवरी, 2020 को जमशेदपुर के 100 वर्षों का स्मारक समारोह मनाया गया. देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू समारोह के मुख्य अतिथि थे. जमशेदपुर के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट और कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया था. इस मौके पर भारत के माननीय उपराष्ट्रपति ने समारोह सभा को संबोधित करते हुए व्यापार के लिए टाटा समूह के नैतिक दृष्टिकोण और 100 से अधिक वर्षों से समुदाय की जीवन-गुणवत्ता में सुधार के लिए टाटा स्टील के अभूतपूर्व योगदान की सराहना की. आज जमशेदपुर महज स्टील का एक पर्याय भर नहीं है, बल्कि इससे कहीं बढ़ कर है. भारत के पहले नियोजित शहरों में से एक होने के नाते, पहली बार यहां आने वाले आगंतुकों को छायादार पेड़ों, अच्छी तरह मेंटेन की गयी सडक़ों, स्टेडियमों, पार्कों व यवस्थित आसपास के साथ एक स्वच्छ, हरियालीयुक्त शहर देखने को मिलता है. शहर खेलों के लिए प्रसिद्ध है. इसके गोल्फ टूर्नामेंट देश भर के उत्साही लोगों को आकर्षित करते हैं, इसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है और फुटबॉल व तीरंदाजी के लिए एक उन्नत राष्ट्रीय केन्द्र है.

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