स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट, डिमना रोड के खाली पड़े जर्जर क्वार्टरों में असामाजिक तत्वों का कब्जा, क्वार्टरों में शराब की बोतले, स्मैक के पाउट, चूडिय़ां, महिलाओं के कपड़े बिखरे मिले

कभी भी हो सकती है कोई बड़ी घटना,
जमशेदपुर 14 नवंबर संवाददाता डिमना रोड स्थित स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट के आवासों की जर्जर हालत और वहां के क्वार्टरों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा वहां के निवासियों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है । प्रोजेक्ट के 150 क्वार्टरों में अभी केवल 23 में ही लोग निवास कर रहे हैं उनमें तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग श्रेणी के कर्मचारी शामिल है। बाकी क्वार्टर सालों साल से खाली पड़े हैं । उन आवासों की स्थिति बेहद जर्जर हो गई है और पूरा परिसर इस कारण उजाड़ सा दिखता है। जो परिवार वहां रह रहे हैं ऐसा प्रतीत होता है कि मजबूरी में ही वे वहां निवास करने को विवश हैं। परिसर में चाहर दिवारी जगह जगह टूट गई है जिस कारण वहां सुरक्षा का अभाव है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि खंडहर बन चुके आवासों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए ताकि वहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा ना रहे। जब स्थानीय कर्मचारियों के साथ कुछ पत्रकारों ने उन खंडहर नुमा पाठकों का मुआयना किया तो वहां की स्थिति भयावह थी। खाली पड़े क्वार्टरों में शराब की बोतलें, स्मैक के पाउच ,चूडिय़ां महिलाओं के कपड़े बिखरे मिले। एक कमरा में गंदा गद्दा भी नजर आया। लोगों का कहना है कि यहां अक्सर असामाजिक तत्व बाहर से लड़कियां लेकर आते हैं शराब का सेवन होता है । उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो उन्हें उल्टे डराया धमकाया जाता है। अब डर के मारे लोग अपना मुंह बंद किए रहते हैं लेकिन उन्हें आशंका है कि यहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
कर्मचारियों का कहना है कि जिन क्वार्टर में कर्मचारी रह रहे हैं, उनकी मरम्मत की जरुरत है। उनकी मांग पर कुछसाल पहले 12 क्वार्टरों की मरम्मत का टेंडर भी निकला लेकिन विडंबना यह रही कि उन क्वार्टरों की मरम्मत का टेंडर निकला जो खाली पड़े थे। फिर उनकी मांग पर वह टेंडर को रद्द किया गया लेकिन अभी नया टेंडर नहीं निकला है। आस पास के लोगों ने अपने घरों की नालियां स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट कालोनी परिसर में ही निकाल दिया है जिस कारण वहां का गंदा पानी इसी से होकर बहता है ।
कर्मचारियों की मांग है कि शिविर प्रभारी पदाधिकारी का शिविर यहां आवंटित किया जाए। मुख्य अभियंता खुद यहां का निरीक्षण करें और महासंघ को इसके बारे में जानकारी दें ताकि संयुक्त निरीक्षण कर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया जा सके । कर्मचारियों का कहना है कि क्वार्टर का भाड़ा बढऩे के कारण लोग अब निजी मकानों में शिफ्ट कर गए हैं । प्रोजेक्ट की जमीन के बड़े हिस्से को अधिकारियों की मिलीभगत कर बेच दिया गया है उनके साथ एक समस्या यह भी है कि उनकी ही जमीन पर बड़ा पानी टंकी पीएचईडी विभाग द्वारा बनाया गया है मगर उसका कनेक्शन उन्हें नहीं मिला है स्थानीय लोगों ने बताया कि वे पीने का पानी मानगो चौक से लाते हैं। जबकि उनके परिसर की टंकी का पानी पूरे मानगो वासियों को आपूर्ति की जा रही है।
इस अवसर पर संघ के विमल कुमार सिंह, प्रणव शंकर, कृष्णानंद ठाकुर,चंदन कुमार, विनय कुमार, अमरजीत सिंह, सोनू कुमार,कृष्टि भूषण महतो, कंचन कुमार श्रीवास्तव, चंदन कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

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