Santhal samaj का चांडिल में ग्राम जन जागरण:: नशामुक्ति और शिक्षा की राह से ही उन्नति संभव: दिशुम गुरु ने यही आंदोलन चलाया था

Chandil,25 feb. : बनडीह गांव के माझी बाबा दुखु टुडु ने संथाल समाज की बैठक में उपस्थित समाज के महिला पुरुषों को संबोधित करते हुए कहा कि संथाल समाज का इतिहास प्राचीन काल में समृद्ध था। इसी समाज में सिधु, कान्हू, चांद, भैरव आदि महान स्वतंत्रता सेनानियों का जन्म हुआ। संथाल जाति के लोग भारत के झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, बिहार, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय आदि राज्य में निवास करते हैं। चीन, न्यूजीलैंड, नेपाल, भूटान, बंगलादेश में भी निवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य व विदेशों में नशामुक्ति व उच्च शिक्षा के कारण संथाल समाज के लोगों ने उन्नति की है। हमें भी नशा छोड़कर उच्च शिक्षा के माध्यम से उन्नति के रास्ते पर चलने के लिए संकल्प लेने की आवश्यकता है। इस अवसर पर पराणिक कालीपद हेम्ब्रम, विजय टुडु, श्यामल मार्डी, नेपाल बेसरा, देबुराम बेसरा, सोहराई किस्कु, संतोष हांसदा आदि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि दिशुम गुरु शिबू सोरेन ने संथाल परगना में दारू हड़िया तथा अन्य नशा तथा महाजनी के खिलाफ आंदोलन छेड़कर झामुमो की स्थापना की।

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