राजनगर पुलिस ने हत्या को बताया सड़क दुर्घटना, आदिवासी युवक की मौत का मामला

जमशेदपुर । सरायकेला खरसवां जिले के राजनगर पुलिस ने आदिवासी युवक की हत्या को सड़क दुर्घटना बताया है। वहीं, मृतक के परिजनों से जबरन दुर्घटना का आवेदन लिखवाया है। मृतक आदिवासी युवक के परिजनों ने यह आरोप लगाया है। मृतक युवक के पिता ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, डीजीपी, एडीजी, डीआईजी, मानवाधिकार आयोग समेत वरीय अधिकारियों को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच कर दोषी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मृतक आदिवासी युवक मुनी राम टुडू के परिजनों का कहना है कि बीते आठ दिसंबर 2021 को बर्मामाइंस थाना क्षेत्र के रोड नंबर नौ के निवासी 37 वर्षीय मुनीराम टुडू सुबह अपने घर से बाइक सवार होकर चाईबासा के लिए निकला था। जब शाम को परिजनों ने मुनी राम टुडू को फोन किया था तो उसने बताया था कि वह राजनगर थाना क्षेत्र के आमलाटोला में अपने दोस्त करण टुडू के साथ है तथा कुछ देर बाद घर लौटने की बात कही थी। देर रात तक मुनी राम टुडू के घर नहीं लौटने पर परिजनों ने लगातार फोन किया लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया। अगले दिन नौ दिसंबर 2021को परिजनों द्वारा फोन करने पर राजनगर पुलिस ने मुनी राम टुडू का फोन रिसीव किया और बताया कि मुनीराम टुडू का सड़क दुर्घटना हुआ है। दुर्घटना की खबर मिलने पर परिजन राजनगर थाना पहुंचे जहां उसे मृत पाया। मृतक के पिता खेला राम टुडू ने राजनगर थाना में लिखित शिकायत में बताया है कि यह सड़क दुर्घटना नहीं है बल्कि साजिश के तहत उसके बेटे की हत्या की गई हैं। वहीं, मृतक मुनीराम टुडू के दोस्त करण टुडू पर हत्या करने का आरोप लगाया है।
मृतक के पिता खेला राम टुडू ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को बताया कि राजनगर थाना प्रभारी चंदन कुमार और एसआई सन्नी टोप्पो द्वारा हत्यारोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। खेलाराम ने बताया कि थाना प्रभारी द्वारा उस समय जबरन दुर्घटना का आवेदन लिखवाया, जब उसके बेटे की शव थाना परिसर में पड़ी हुई थी। एक तरफ अपने बेटे को खोने का दर्द और उस समय पुलिस द्वारा प्रताड़ित करना, कितना उचित है। थाना प्रभारी पर आरोप है कि उन्होंने जबरन सड़क दुर्घटना का आवेदन लिखवाया, जबकि हत्या की आशंका जताई जा रही हैं। खेलाराम टुडू ने बताया कि पुलिस के तथाकथित दुर्घटना स्थल पर जाकर स्थानीय लोगों से जानकारी प्राप्त किया गया तो पता चला कि आठ दिसंबर की रात को सड़क पर बाइक खड़ी थी लेकिन मुनीराम टुडू की शव नहीं मिली थी। पुलिस पेट्रोलिंग टीम ने बाइक के आसपास झाड़ियों में खोजबीन भी किया था लेकिन शव नहीं मिला था। पुलिस ने आठ दिसंबर की रात को ही बाइक को जप्त कर थाने ले गई थी। वहीं, अगले दिन सुबह ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने शव को बरामद किया है। पुलिस ने सड़क से काफी दूर झाड़ियों से शव को बरामद किया है। मृतक के पिता ने पुलिस की भूमिका पर कई सवालिया निशान दागे हैं और कहा कि यदि सड़क दुर्घटना में उसके बेटे की मौत होती तो उसकी शव भी बाइक के पास से ही बरामद होती और एक ही समय पर बाइक और शव बरामद होती। वहीं, सड़क दुर्घटना होने पर बाइक भी क्षतिग्रस्त होती हैं जबकि मेरे बेटे की बाइक को खरोंच तक नहीं आई हैं।

सीएम से करेंगे मुलाकात और बताएंगे मामले की हकीकत, आदिवासियों के साथ अत्यचार करने वाले थाना प्रभारी को जेल होना चाहिए : मृतक आदिवासी युवक मुनीराम टुडू के पिता खेलाराम टुडू ने मुख्यमंत्री के फुफेरे भाई अनूप टुडू से न्याय की गुहार लगाई है। इस संबंध में अनूप टुडू ने कहा कि मृतक मुनीराम टुडू का मामला उनके पास आया है और इस मामले में उन्होंने स्थानीय लोगों से जानकारी ली है। अनूप टुडू ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अपने ममेरे भाई सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर इस मामले की हकीकत को बताएंगे और उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के साथ अत्यचार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। यदि उच्चस्तरीय जांच में राजनगर थाना प्रभारी और अन्य पुलिस कर्मी दोषी पाया जाता है तो सीएम और वरीय अधिकारियों से दोषियों को जेल भेजने की भी मांग करेंगे।

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