मंत्री जी! किसके आदेश से फाड़ रहे हैं स्वर्णरेखा नदी का पेट, दोमुहानी में बन्ना ने शुरु कराया काम, सरयू ने ट्वीट कर जताया विरोध

जमशेदपुर, 20 जनवरी (रिपोर्टर) : स्वर्णरेखा और खरकाई नदी तट के विकास के लिये राज्य के मंत्री और स्थानीय कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता ने समाजसेवियों के साथ नदी तट का अवलोकन किया. नदी किनारे समतलीकरण, पौधरोपण, सौंदर्यीकरण, आरती, घाट की सफाई इत्यादि की योजना पर चर्चा की. साथ ही गंगा की तर्ज पर स्वर्णरेखा आरती मंडप के निर्माण, प्रतिदिन संध्या आरती की शुरुआत एवं स्वर्णरखा पर्यटन के विकास पर चर्चा हुई. सोनारी दोमुहानी को विकसित करने के लिए उन्होंने यहां पर जेसीबी की मदद से काम शुरू करा दिया है. उपायुक्त विजया जाधव समेत अन्य तमाम पदाधिकारी भी वहां पहुंचे और काम को और तेज करने को कहा.
दूसरी ओर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने लगातार दो ट्वीट के माध्यम से इसे गैरकानूनी कार्य करार दिया है. पहला ट्वीट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है कि दोमुहानी पर ये पोकलेन स्वर्णरेखा नदी का पेट किसके आदेश से फाड़ रहे हैं? यह गैरकानूनी काम कौन सरकारी व्यक्ति/एजेंसी करा रही है? पोकलेन पकडक़र कौन लाया हैं? स्वर्णरेखा के अतिक्रमण पर डब्ल्यूपी (पीआईएल) 1325/2011, जिसमें वे इंटरवेनर हैं. आदेशोपरांत आज भी लंबित है.
वहीं दूसरा ट्वीट मुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ्य मंत्री सह स्थानीय विधायक बन्ना गुप्ता को टैग करते हुए लिखा है कि विधानसभा समिति बैठक के लिए रांची पहुंचते ही सूचना मिली कि दबंग मंत्री बन्ना गुप्ता जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी से जबरन पोकलेन छिनवाकर स्वर्णरेखा नदी का पेट फाड़ रहे हैं. जमशेदपुर के आधा दर्जन धनवान उनकी मदद में वहां जमे हैं. काम निजी धन का है, सरकारी योजना का नहीं!

सक्षम प्राधिकार की सहमति के बिना हो रहा निर्माण
सरयू ने जल संसाधन विभाग के सचिव को लिखा पत्र
विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर दोमुहानी पर सक्षम प्राधिकार की सहमति के बिना स्वर्णरेखा नदी में निर्माण किये जाने पर सवाल उठाया है. इस बावत सरकार के जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर बताया कि जब स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के खरकई मुख्य अभियंता कार्यालय ने नदी तट पर निर्माण के संबंध में संबंधित पक्ष से स्पष्टीकरण मांगा था और न केवल काम रोक दिया था बल्कि टाटा स्टील की इकाई जुस्को ने स्वयं निर्माण ध्वस्त कर दिया था. यह मामला नदी तट पर निर्माण का था. गत दो दिनों से नदी के भीतर पोकलेन लगाकर निर्माण करने हेतु नदी की स्थिति को बदला जा रहा है. इस बारे में उन्होंने मुख्य अभियंता, चांडिल को सूचित किया है. संबंधित तस्वीरें भी उन्हें भेजी है. इसके अतिरिक्त नदी संरक्षकों संबंध में विधानसभा में श्री राय के प्रश्न का उत्तर जल संसाधन विभाग ने दिया है वह भी संलग्न किया है. इसी तरह के विषय में झारखंड उच्च न्यायालय में पीआईएल संख्या 1325/2011 भी पेंडिंग है. विधायक ने सचिव से अनुरोध किया कि उपरिलिखित विवरण के आलोक में विधिसम्मत कारवाई करेंगे.

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