जब पुलिस अधिकारी ने उलटा लटकाकर टांगने की चेतावनी दी तब मिमियाने लगा खड़ंगाझार का महान ‘अखाड़ाभक्त’

जमशेदपुर 14 संवाददाता: खड़ंगाझार में एक उभरते तथाकथित माफिया नकलची की हरकतों से पुलिस और प्रशासन अवगत हो चुका है। आज शाम सरेआम खड़ंगाझार चौराहे पर जिला पुलिस के वरीय अधिकारी ने उसे जब उलटा लटकाकर टांगने की बात कही तब वह कान पकडक़र मिमियाने लगा और उसे बचाने के लिये वहीं के एक सफेदपोश उसकी ओर से क्षमायाचना की दुहाई देने लगे। पुलिस प्रशासन रामनवमी बितने का इंतजार कर रहा है।
सर्वप्रथम इटली में भले ही माफिया शब्द का प्रचलन शुरु हुआ हो और भारत वर्ष में भी कई स्थलों पर इसका प्रादुर्भाव हुआ ,लेकिन जमशेदपुर के खड़ंगाझार में रामनवमी अखाड़ा के नाम पर उक्त व्यक्ति जो माफियागिरी की नकल कर रहा है, वह पिछले दो दिनों से काफी चर्चा में है। पुलिस , प्रशासन के बड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग करने , स्थानीय थाने में उसकी मर्जी चलने और विभिन्न राजनीतिक संगठनों, खासकर भाजपा के मानिंद नेताओं को ठेंगे पर रखने का दावा करने वाला यह व्यक्ति हर शब्द में मां को लगाकर गालियां बकते हुए लोगों को इस कदर धमकाते चल रहा है कि सहसा कोई भी साधारण रीढ वाला आदमी भयभीत हो जाए और उसकी मर्जी के अनुसार उसकी जी हुजूरी में लग जाए।
दिन भर उसका एक आडियो खूब वायरल हुआ। इस आडियो में वह टेल्को मंडल भाजपा युवा मोर्चा के मंत्री सौरभ मजूमदार को इस कदर भद्दी भद्दी गालियां दे रहा है जो बखान करने लायक नहीं है। 10 मिनट से अधिक के इस आडियो में उसने डीसी, एसपी, थाना सबको अपनी जेब में रखने तथा भाजपा के बड़े नेता अभय सिंह, पूर्व जिलाअध्यक्ष गुंजन यादव को अपने नीचे रखने का दावा करता है। मजे की बात है कि यह व्यक्ति अपने अखाड़ा को अभय सिंह के नेतृत्व वाली अखाड़ा समितियों से संबंधित बताता है। कहता है कि अभय सिंह जब जेल गये तो उन्होंने वहां मेरा रुतवा देखा। तब से वे मेरा नाम सुनते ही मुझसे मिलने के लिये घर से बाहर निकल आते हैं। पप्पू मिश्रा, पप्पू सिंह(बाबा फर्नीचर),सबको अपशब्दों की बौछार करते हुए कई असामाजिक तत्वों को भी अपनी जेब में रखकर कठपुतली की तरह नचाने की बात करता है। कहता है कि स्थानीय थाना उससे पूछे बिना कोई रिपोर्ट नहीं लिखता। अखाड़ा समिति के बहाने शांति समिति से जुड़े होने के कारण थाने में उसकी घुसपैठ है। उल्लेखनीय है कि पिछले रामनवमी में भी तत्कालीन डीसी और एसएसपी ने उसके इस रवैये पर उसको औकात दिखाई थी। एक समय तो ऐसा आया था कि उसके थाने में इंट्री पर भी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की चेतावनी पुलिस प्रशासन ने दी थी।
यह व्यक्ति इलाके में दबंगई का पर्याय बनना चाहता है। इसका इतिहास स्थानीय थाना भलीभांति जानता है, फिर भी छोटे स्वार्थों के चलते स्थानीय थाने के कर्मी उसको शह देते हैं। इसका मन इतना बढा है कि अखाड़ा के नाम पर चंदा काटने के लिये गिरोह बना लिया है जिसमें लड़कियां भी शामिल है। लड़कियों को आगे कर अधिकारियों को प्रभावित करने की ऐसी- ऐसी बातें चर्चा में आती हैं जिन्हें न कहा जा सकता है न लिखा जा सकता है। अखाड़ा खड़ंगाझाड़ में निकलता है ,लेकिन चंदा काटने के लिये यह आदित्यपुर भी पहुंच जाता है। चंदा भी एक हजार दो हजार नहीं, कम के कम 21 हजार। प्रशासन को जांच में सब पता चल जाए कि चंदे का आड़ में कौन सी संस्कृति और आध्यात्मि रश्मों की अदायगी होती है. पिछले साल डीसीऔर एसएसपी ने उसके अखाड़े के स्टेज से स्वयं अश्लील गीतों को बजते सुना और उसके बाद ही डीसी ने कार्र्रवाई शुरु की। देश में चल रही आध्यात्मिक आंधी की आड़ में ऐसे तत्व क्या गुल खिला रहे हैं, इसका जीता जागता नमूना उक्त व्यक्ति का कारनामा है। इसके खिलाफ अनेक आरोप और मामले हैं। जिस युवक उसने गालियां दी हैं और जिसका आडियो वायरल हो रहा है, उसे लेकर वर्तमान भाजपा जिलाअध्यक्ष सुधांशु ओझा गंभीर हुए और उस युवक को शिकायत पत्र लेकर पुलिस के पास भेजा लेकिन उक्त व्यक्ति के डर से युवक के परिवार वालों ने पैर पीछे खींच लिया। पुलिस और प्रशासन ने अगर इसकी हरकतों को इस वर्ष भी हल्के में लिया तब यह नासूर बन जाए तो अतिशयोक्ति नहीं.

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