झारखंड में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी दर से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण,इधर राहत भी, झारखंड में मृत्यु दर कम

रांची : झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की तेज रफ्तार बरकरार है। संक्रमण की औसत वृद्धि की बात करें या मरीजों के दोगुने होने की अवधि की, इन सभी में झारखंड की स्थिति राष्ट्रीय औसत से खराब है। कोरोना की पहली लहर में झारखंड संक्रमण में 15वें या 16वें स्थान पर रहता था। इस बार झारखंड उन पांच राज्यों में शामिल हो गया है, जहां कोरोना का संक्रमण काफी अधिक है।
झारखंड में कोरोना का संक्रमण राष्ट्रीय औसत से दोगुनी दर पर बढ़ रहा है। एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामले की औसत वृद्धि दर की बात करें, तो देश में प्रतिदिन 1.36 फीसद की औसत दर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं, झारखंड में रोज 2.63 फीसद की औसत दर से मामले बढ़ रहे हैं। यह दर लगभग दोगुनी है। यह औसत वृद्धि अबतक सामने आए कुल मामले में हो रही है। इस दर के अनुसार, यहां पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन औसत 5,015 नए मरीज मिले। इसी तरह, कोरोना के मामले देश मे 52 दिनों में दोगुने हो रहे हैं, जबकि झारखंड में 26 दिनों में ही मामले दोगुने हो रहे हैं। संक्रमण की रफ्तार यही रही, तो अगले माह के अंत तक झारखंड में कोरोना के कुल मामले (इनमें स्वस्थ होने वाले भी शामिल हैं) चार लाख के पास पहुंच जाएंगे।

:
भले ही झारखंड में संक्रमण की औसत वृद्धि दर अधिक हो, लेकिन इस बीच राहत की बात यह है कि झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर देश में होने वाली कोरोना मरीजों की मृत्यु की दर से काफी कम है। झारखंड में यह दर 0.93 फीसद है, जबकि देश में यह दर 1.10 फीसद है। पहली लहर में भी झारखंड में मृत्यु दर 0.90 फीसद के आसपास ही रही थी। इस बार प्रतिदिन होने वाली मौत की संख्या इसलिए अधिक आ रही है, क्योंकि इस बार संक्रमण अधिक हो रहा है। पिछली लहर से काफी अधिक संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं।

Share this News...