ईरान सुलगा-शिया कमांडर ने 15 साल की सुन्नी लड़की से किया रेप :गुस्साई भीड़ ने पुलिस स्टेशनों सरकारी ऑफिसों में आग लगाई, पुलिस फायरिंग में 36 की मौत

तेहरान ईरान में शुक्रवार को जेहदान शहर में 15 साल की बलोच लड़की से रेप के विरोध में प्रदर्शन हुए। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की जिसमें 36 लोगों के मारे जाने की खबर है।
गुस्साए लोग सरकारी ऑफिसों और पुलिस स्टेशनों में आग लगा रहे हैं। शुक्रवार को नमाज के बाद बलोच समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और इन्होंने नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग की।
रेप का आरोप पुलिस कमांडर पर
पिछले सप्ताह एक पुलिस कमांडर पर एक 15 साल की एक बलोच लड़की के बलात्कार के आरोप लगे थे। ईरान के प्रमुख सुन्नी धर्मगुरू मौलवी अब्दुल हमीद ने इस लड़की से रेप की पुष्टि की थी। ईरान के दक्षिण-पूर्वी सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलोच आबादी रहती है।
आरोपी कमांडर का नाम कर्नल इब्राहिम खूचाकजई है। वह शिया मुस्लिम है। पीड़ित लड़की सुन्नी है। शुक्रवार को बलोच समुदाय के नेताओं ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया था।
प्रदर्शन के दौरान बलोचों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेहदान शहर का बड़ा हिस्सा प्रदर्शनकारियों के नियंत्रण में है। इस दौरान पुलिस स्टेशनों और गाड़ियों में आग लगा दी गई।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बलोचों ने जेहदान में रेप की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। इन पर पुलिस ने फायरिंग की। 36 लोग मारे गए।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बलोचों ने जेहदान में रेप की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। इन पर पुलिस ने फायरिंग की। 36 लोग मारे गए।
हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर की मौत
ईरान के सरकारी चैनल के मुताबिक, जेहदान में हुए संघर्ष में 19 लोग मारे गए हैं। इनमें सुरक्षाबलों के जवान भी शामिल हैं। यहां हथियारबंद समूह ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की।

सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत के रिवोल्यूशनरी गार्ड इंटेलिजेंस चीफ की हमले में मौत हो गई। प्रदर्शन और हिंसा के बाद सरकार ने जाहेदान में इंटरनेट बंद कर दिया है। बलोच आबादी वाले दूसरे शहरों में भी प्रदर्शन हुए हैं। सरकारी दफ्तरों को जला देने की खबरें भी आई हैं।

एक सितंबर की घटना
चाबहार में पुलिस कमांडर कर्नल इब्राहिम खूचाकजई कत्ल के एक मामले की जांच कर रहा था। पीड़िता कत्ल की गई महिला के एक पड़ोसी की बेटी है। कमांडर ने इस लड़की को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया और वहां उससे रेप किया। ईरानी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, ये घटना 1 सितंबर की है। लड़की ने घर लौटकर अपनी मां को इस बारे में बताया।

मामले को दबाने के लिए सुरक्षाबलों ने पीड़िता के तीन रिश्तेदारों को किडनैप कर लिया और पीड़ित परिवार से जबरदस्ती बयान दिलवाया कि लड़की के साथ कुछ नहीं हुआ। पीड़ित परिवार पर शिकायत न दर्ज कराने का भी दबाव बनाया गया। हालांकि, भारी दबाव के बावजूद पीड़िता के परिवार ने बलात्कार के आरोपों को वापस नहीं लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेहदान शहर में शुक्रवार को हिंसा के बाद काफी आगजनी भी हुई। पुलिस स्टेशन और कुछ गाड़ियों में आग भी लगा दी गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेहदान शहर में शुक्रवार को हिंसा के बाद काफी आगजनी भी हुई। पुलिस स्टेशन और कुछ गाड़ियों में आग भी लगा दी गई।

कौन हैं ईरान में रहने वाले बलोच
दरअसल, बलोचिस्तान पाकिस्तान और ईरान के बीच बंटा है। बलोचिस्तान का पश्चिमी हिस्सा ईरान में है। इसे सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत कहा जाता है। यूं तो बलोचों की कुल आबादी 80 लाख से ज्यादा है, लेकिन इनमें से अधिकतर पाकिस्तान में रहते हैं। ईरान में बलोच आबादी करीब 18 लाख है। पाकिस्तान और ईरान में रहने वाले बलोच अपने लिए अलग राष्ट्र के लिए संघर्ष करते रहे हैं।

ईरान में रहने वाले बलोच भी अपने पाकिस्तानी भाईयों की तरह ही बेहद मुश्किल हालात में रहते हैं और सुविधाएं ना होने की वजह से पिछड़े हैं। ईरान में बलोच सरकारी बलों के दमन के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं। बीते साल फरवरी में ईरानी सुरक्षाबलों ने दस बलोच कारोबारियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। सिस्तान और बलोचिस्तान ईरान का सबसे गरीब प्रांत हैं।

बलोच आबादी ईरान-अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में रहती है और तीनों ही देशों में भेदभाव और टॉर्चर का सामना करती रही है।

ईरान में महिलाएं 9 दिन से सड़कों पर हैं। हिजाब के विरोध में, धार्मिक कानून के खिलाफ। इसकी शुरुआत 16 सितंबर को 22 साल की लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद हुई थी। महसा को सही ढंग से सिर न ढकने की वजह से कस्टडी में लिया गया था। प्रदर्शन से निपटने के लिए सरकार भी पूरी ताकत लगा रही है। अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कुर्दिस्तान में ही 15 लोग मारे गए और करीब 750 घायल हैं। एक हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।

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