होल्डिंग टैक्स मामले में सरकार घिरी, पुनर्विचार को तैयार, सरयू के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस

जमशेदपुर, 3 अगस्त (रिपोर्टर) : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने आज सदन में होल्डिंग टैक्स का मामला उठाया तो सरकार घिरती नजर आई, जिसके बाद इस विषय पर पुनर्विचार करने की हामी भरी. दरअसल श्री राय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस के दौरान सरकार घिर गई. इसके बाद प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि इस मामले पर वे मुख्यमंत्री के साथ विमर्श करेंगे और तदनुसार सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी. श्री राय ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि वर्ष 2016 में होल्डिंग टैक्स में भारी वृद्धि हुई और फिर 2022 में सरकार ने इसे सर्किल रेट से जोड़ दिया, फलत: इसमें दोबारा भारी वृद्धि हो गई है. यह वृद्धि व्यवहारिक नहीं है, इसलिए सरकार इसे वापस ले.
इसके उत्तर में सरकार ने कहा कि 15वें वित्त आयोग और अमृत 2.0 के निर्देश के आलोक में होल्डिंग टैक्स को सर्किल रेट से जोडऩे का निर्देश दिया गया है. श्री राय ने कहा कि सरकार का यह उत्तर गलत है, 15वें वित्त आयोग में सम्पति कर के संबंध में चार आधार दिये गये हैं. पहला आधार है-गाईडेंस वैल्यू, दूसरा-एन्यूअल रेन्टल वैल्यू, तीसरा-यूनिट एरिया वैल्यू और चौथा-सर्किल रेट. 15वें वित्त आयोग के प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि सम्पति कर का निर्धारण न्यूनतम होना चाहिए, यानी उपरोक्त चार आधारों में से, जिसमें सम्पति कर न्यूनतम हो, उसको अपनाना चाहिए.

सदन को गलत उत्तर दे रही सरकार : सरयू
श्री राय ने कहा कि सरकार के अधिकारी मंत्रियों को गुमराह कर रहे है, सदन को भी गुमराह कर रहे हैं और तथ्य के विपरीत सूचनाएं सदन में देते हैं. श्री राय ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा कि उन्होंने पूछा है कि 2016 में होल्डिंग टैक्स में भारी वृद्धि हुई है तो सरकार को बताना चाहिए था कि 2016 के पहले होल्डिंग टैक्स कितना था, 2016 में होल्डिंग टैक्स बढक़र कितना हो गया और इस वृद्धि का आधार क्या था? परन्तु सरकार ने यह नहीं बताया और सीधे गलत सूचना सदन को दे दिया कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर होल्डिंग टैक्स को सर्किल रेट से जोड़ा गया है. इसके बाद जवाब दे रहे प्रभारी मंत्री ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ विमर्श करइस पर पुनर्विचार करेंगे.

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