कांग्रेस के चिंतन शिविर ने झामुमो की बढ़ाई चिंता..

विगत दिनों गिरिडीह के मधुवन मे कांग्रेस के हुए तीन दिवसीय चिंतन शिविर मे व्यापक रूप से बौद्धिक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया | जिसमें राज्य मे पार्टी की स्थिति को कैसे मजबूत करे, पार्टी मे मेंबरों की संख्या कैसे बधाई जाए आदि पर चर्चा हुई | लेकिन इस चिंतन शिविर से झामुमो की चिंता बढ़ती देखी जा सकती है | चिंतन शिविर के बहाने कांग्रेस अपनी ही सरकार के सहयोगी दल झामुमो पर भी जम कर बरसी और यहां तक कह डाला कि झामुमो के नेता ही झारखंड मे कांग्रेस को बर्बाद करना चाह रहे हैं और उसके सारे वोटर को अपनी ओर ले जाना चाह रहे हैं | मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा दिया गया यह बयान राजनीतिक गलियारों मे चर्चा का विषय बना हुआ है और झामुमो के नेता भी अब सन्न हो गए है कि मंत्री जी ने यह क्या कह डाला | बन्ना गुप्ता के बयान से यह तो साफ़ हो गया है कि सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है और सहयोगी दलों मे भी आपसी सामंजस्य नहीं है |इसी से समझा जा सकता है कि राज्य मे सरकार कैसे और किस तरह से चल रही है | यहा यही कहा जा सकता है कि सरकार मस्त है , और जनता पस्त है | सभी मलाई खाने मे ही व्यस्त है जनता को किसी की भी फिक्र नहीं, अपराधी तांडव मचा रहे है, लूट खसोट की घटना बढ़ती जा रही है, बेरोजगारी भी अपना फन फैलाए खड़ी है लेकिन इस सबसे सरकार को कोई वास्ता नहीं | इन्हें सिर्फ येन केन प्रकारेण सरकार मे बना रहना है और सरकार को किसी तरह पांच साल तक चलाना है | पर जरा सोचिए जहाँ कांग्रेस के नेता अपने सहयोगी दल से ही खुश नहीं है तो क्या वो सरकार जनता को खुश रख सकेगी, जहां सरकार मे ही अनबन की स्थिति बनी हुई है वहां की सरकार कैसे जनता के हितों के बारे में सोच पाएगी क्योंकि उन्हें तो यही सोचने मे समय लग जाएगा कि आगे सरकार मे कैसे सब ठीक रहे | वैसे एक बात तो साफ़ है कि कांग्रेस के चिंतन शिविर से जो कुछ भी निकला है वो अमृत है या जहर यह तो आने वाला समय ही बतायेगा | बाकी हम क्यों चिंता करे हम तो जनता है चिंता वो करे जिन्हें…….
क्यों समझ गए ना……..

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