सीएम ने भाजपा से पूछा 60-40 चाहिये या 1932, सदन में विपक्ष के खिलाफ खड़े हुए हेमंत सोरेन

रांची। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बुधवार को स्थानीयता व नियोजन नीति को स्पष्ट करने की मांग को लेकर विपक्ष के विधायक हमलावर रहे। प्रश्नकाल के बाद विपक्ष के विधायक नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री से जवाब दिलाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से करते रहे। विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने विपक्ष को समझाया भी कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में जो निर्णय हुआ है उसके
हिसाब से ही काम होगा, दबाव नहीं चलेगा। इसके बाद भी भाजपा विधायक आसन के सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे।
सदन में भाजपा विधायकों पर कार्रवाई की मांग
भाजपा विधायक 1932 की भेलो, 60- 40 नाय चलतो का नारा लगा रहे थे। जिस समय यह हंगामा हो रहा था उस समय मुख्यमंत्री सदन में बैठे हुए थे। विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण सूचना ली जा रही थी। इसी बीच मुख्यमंत्री सदन में खड़े हुए और उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा कि सदन में मंगलवार को विपक्ष के विधायक ने कुर्ता फाड़ा, कुछ विधायकों ने वीडियोग्राफी कर तमाशा बनाया। यह सदन की मर्यादा के विरुद्ध है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से ऐसे विधायकों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि राम भक्तों को कुर्ता फाडक़र यह साबित करना पड़ रहा है कि वे राम भक्त हैं।
हंगामे के बीच मुख्?यमंत्री सोरेन ने रखी अपनी बात
इससे पहले खूंटी से भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने आसन से मांग की कि नियोजन नीति पर चलते सत्र में ही मुख्यमंत्री को जवाब देना था। सत्र में केवल एक दिन शेष है। सदन में कोई चर्चा
नहीं हुई। इसके बाद ही विपक्ष के विधायकों का हंगामा शुरू हुआ।
विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, स्थानीयता और नियोजन नीति पर इसी सदन में सरकार जवाब देगी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नियोजन नीति और स्थानीयता पर कोर्ट कौन पहुंचा, कोर्ट कचहरी कौन करता है। विपक्ष को क्या चाहिए 60-40 या 1932, इस पर भाजपा विधायक अमित कुमार मंडल ने कहा कि उन्हें 1932 चाहिए।
सीएम ने कहा- ईश्वर देगा सबका हिसाब
तब मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट-कचहरी कौन करता है, ये बताएं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल इन्हीं के पास हथियारों का जखीरा है। लोकसभा को सत्ता पक्ष ने ही हाइजेक किया है और चलने नहीं दे रहे हैं। यह इतिहास में पहली बार हो रहा है। झारखंड में भी विपक्ष इसी को दोहरा रहा है। ईश्वर सबका हिसाब देंगे।
सीएम ने कहा कि 20 वर्षों तक इसी विपक्ष ने सत्ता चलाया, लेकिन रांची के ऐतिहासिक तपोवन मंदिर के जिर्णोद्धार की सुध न ली। उन्होंने बिना किसी के सुझाव के तपोवन मंदिर के सौंदर्यीकरण की पहल की। आज भाजपा को पूरे देश में जिस तरह से घेरा जा रहा है, उससे बचने के लिए ये तरह-तरह की कोशिशें कर रहे हैं और तरह-तरह का रूप धारण कर रहे हैं।

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