एनआईए के सहारे आंदोलन तोडऩा चाहती है सरकार : सतनाम

सम्मन भेजे जाने का किया विरोध
जमशेदपुर, 17 जनवरी (रिपोर्टर) : नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे नेताओं एवं खालसा एड सोसायटी तथा पंजाबी गायक को एनआईए द्वारा सम्मन किए जाने का सतनाम सिंह गंभीर ने विरोध किया है. उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या का प्रयास बताया है. ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव सतनाम ने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन से घबराई हुई है. किसान एवं उनके समर्थक सामाजिक संगठन गोलबंद हो रहे हैं. यही कारण है कि सरकार को अब एनआईए जैसी एजेंसी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. राजनीतिक आकाओं के चक्कर में देश में सीबीआई की दुर्दशा हो चुकी है और एनआईए का भी यही हाल केंद्र सरकार करना शायद चाहती है.
उन्होंने कहा कि एनआईए का सम्मन यही दर्शाता है कि वे सरकार के इशारे पर काम कर रही है. देश में किसानों का नेतृत्व कर रहे पंजाब के किसान नेताओं को मानसिक शारीरिक रूप से तोडऩा चाहती है. यदि सरकार विदेशों से आनेवाले पैसे के दुरुपयोग को रोकना चाहती है तो हर उस सामाजिक धार्मिक राजनीतिक संगठन की जांच का आदेश एनआईए को दें, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी कि विदेशों से प्राप्त पैसों का दुरुपयोग देश में कौन सी संस्था कर रही है.

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