दुनियाभर से भारत काे मिल रही मदद:अब तक 3 लाख से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन और 13 ऑक्सीजन प्लांट आए, सरकार बोली- मदद सीधे राज्यों को भेजी जा रही


नई दिल्ली
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दुनियाभर से भारत को मदद मिल रही है। अब तक 4468 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 3417 ऑक्सीजन सिलेंडर, 13 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, 3921 वेंटिलेटर/बायपैप/सीपैप और रेमडेसिविर इंजेक्शन की 3 लाख से ज्यादा शीशियां अलग-अलग देशों से मिली हैं। सरकार ने यह साफ किया है कि इस तरह की मदद को सीधे जरूरतमंद राज्यों को भेजा जा रहा है ताकि वे तुरंत इन्हें इस्तेमाल में ला सकें।
मोदी सरकार ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए विदेशों से मदद नहीं लेने के मनमोहन सिंह सरकार के 16 साल पुराने नियम को हाल ही में बदला है। अब भारत, चीन समेत 40 से ज्यादा देशों से गिफ्ट, डोनेशन कबूल कर रहा है। 27 अप्रैल से भारत को दुनियाभर के देशों और संस्थानों से कोरोना से निपटने के लिए मेडिकल सप्लाई और इक्विपमेंट्स मिल रहे हैं।
अब तक 11 हजार आइटम मिले
भारत को अब तक अलग-अलग देशों से 3 हजार टन वजन के 11 हजार आइटम मिले हैं। विदेश मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी डी रवि ने शुक्रवार को बताया कि मदद की कोई भी खेप किसी एयरपोर्ट या बंदरगाह पर रोकी नहीं गई है। ज्यादातर खेप राज्यों तक पहुंच चुकी है। बहुत कम सामान अभी रास्ते में है, जिसकी लगातार ट्रैकिंग की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी आरती आहूजा ने बताया कि राज्यों के मौजूदा एक्टिव केसेज, वहां कोरोना से हो रही मौतों और वहां मौजूद संसाधनों को देखते हुए तरजीह में रखे गए राज्यों की लिस्ट बनाई गई है। इसी आधार पर राज्यों को मदद भेजी जा रही है।
जर्मनी ने मोबाइल ऑक्सीजन प्लांट भेजा
6 मई को देश में न्यूजीलैंड से 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आए। जर्मनी से एक मोबाइल ऑक्सीजन प्लांट मिला है। नीदरलैंड ने 450 वेंटिलेटर और 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे हैं। सरकार की अलग-अलग एजेंसियां बिना किसी देरी के कार्गो क्लियरिंग दे रही हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय नजर रखे हुए है।

कुवैत 1400 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भेजेगा

अकेले कुवैत ने 215 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और 2600 ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे हैं। यह मदद समुद्र के रास्ते आ रही है। कुवैत कुल 1400 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भी भारत भेजेगा।
उधर, स्विट्जरलैंड ने कार्गो प्लेन के जरिए 24 करोड़ रुपए मूल्य की मदद भेजी है। इसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और रेस्पिरेटर शामिल हैं।
नौसेना के जंगी जहाज कुवैत के अलावा बहरीन, कतर और सिंगापुर से भी ऑक्सीजन जनरेटर और सिलेंडर ला रहे हैं।
एयरफोर्स भी जर्मनी, सिंगापुर, यूएई, ओमान, यूके, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड से मेडिकल सप्लाई और ऑक्सीजन जनरेटर ला रही है।

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