संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान को झूठा बोलने और पाकिस्तान को फटकार लगानेे वाली भारतीय प्रतिनिधि स्नेहा दुबे का जमशेदपुर कनेक्सन

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा जबाब देने वाली युवा भारतीय प्रतिनिधि स्नेहा दुबे का भाषण जैसे ही सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट हुआ वैसे ही भारतीयों ने उनकी सराहना करना शुरू कर दिया। जिस उम्र में दुबे ने यह जिम्मेदारी ली है और जिस तरीके से उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया वह काफी काबिले तारीफ है।
भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के देश के खिलाफ तीखे हमले के जवाब में पाकिस्तान को आंतकवाद का दमना वाला बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन को झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया। भारतीय प्रतिनिधि स्नेहा दुबे का भाषण जैसे ही सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट हुआ वैसे ही भारतीयों ने उनकी सराहना करना शुरू कर दिया। जिस उम्र में दुबे ने यह जिम्मेदारी ली है और जिस तरीके से उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया वह काफी काबिले तारीफ है।
पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली स्नेहा दुबे कौन है?

पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा जवाब देने वाली स्नेहा का जमशेदपुर से नाता रहा है। जमशेदपुर में जन्मीं स्नेहा दुबे के पिता जेपी दुबे शहर के केबुल कंपनी में इंजीनयर के पद पर कार्यरत थे. उनका परिवार केबुल टाउन में ही रहता था. साल 2000 में कंपनी के बन्द हो जाने के बाद जे पी दुबे नौकरी के लिये गोवा चले गये। पूरा परिवार गोवा शिफ्ट कर गया। चला गया. वहां उनके पिता को फिनोलेक्स केबुल कंपनी में जॉब मिल गई. जिसके बाद स्नेहा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से की. उनकी मां स्कूल में शिक्षिका हैं.
2012 बैच की ढ्ढस्नस् अधिकारी स्नेहा ने अपनी स्कूली शिक्षा गोवा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और अंत में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से एमफिल किया। जब वह 12 वर्षीय की थी, वह भारतीय विदेश सेवा में शामिल होना चाहती थी और साल 2011 में अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। एक खबर के मुताबिक, स्नेहा दुबे ने बताया कि, विदेशी सेवाओं में शामिल होना, अंतरराष्ट्रीय मामलों के बारे में सीखना,नई संस्कृतियों की खोज करने का रोमांच, देश का प्रतिनिधित्व करना, महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों का हिस्सा बनना और लोगों की मदद करने का यह स्नेहा दुबे की प्रेरण थी।
घूमने-फिरने की शौकीन स्नेहा दुबे का मानना ??है कि आईएफएस ऑफिसर बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का बेहतरीन मौका मिला है।स्नेहा अपने परिवार में सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाली पहली मेंबर हैं। विदेश सेवा के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी। फिर अगस्त 2014 में उन्हें मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास भेज दिया गया।स्नेहा वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव हैं। दुबे का वीडियो सामने आने के बाद ट्विटर यूजर्स उनकी जमकर तारीफ कर रहे है।कुछ ट्विटर यूजर्स ने दुबे की तुलना भारत की पूर्व महिला अधिकारियों से भी की, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का मुकाबला किया है।

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