नहीं थम रहा कथा विवाद : ग्राम सभा ने SDO को ज्ञापन सौंप कर उठाया आदिवासी परंपरा के उल्लंघन का मुद्दा

Jamshedpur,5 Feb : सरायकेला खरसावां जिला के डोबो में आज से पांच दिवसीय प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव पुराण कथा शुरू हुई. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही हैं लेकिन स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई है। चांडिल प्रखंड के डोबो ग्राम सभा ने राजस्व ग्राम डोबो के क्षेत्राधिकार में उनकी अनुमति के बगैर कार्यक्रम आयोजित कर विधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है। ग्राम सभा अध्यक्ष ने सोमवार को चांडिल अनुमंडल पदाधिकार को ज्ञापन सौंपा कर अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित क्षेत्र की हित की रक्षा के लिए कानून का अनुपालन करते हुए उक्त कार्यक्रम के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पारंपरिक ग्राम सभा अध्यक्ष शंकर सिंह ने कहा कि राजस्व ग्राम डोबो के समस्त लोग रुढ़ी व प्रथा के पारंपरिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक रीति-रिवाज का सुखपूर्वक निर्वहन करते हुए निवास करते आ रहे हैं। अचानक डोबो ग्राम वन भूमि में जेसीबी द्वारा भूमि समतलीकरण एवं डीप बोरिंग की खुदाई से ग्रामवासी अचंभित हो गए. विभिन्न माध्यम से पता लगाया कि उक्त स्थल पर कथा वाचक प्रदीप मिश्रा का शिव महापुराण कथा प्रवचन का कार्यक्रम आयोजन होना है।

ग्राम देवियों काे किया अपमानित एवं क्षतिग्रस्त

उन्होंने कहा कि सरायकेला-खरसावां जिला संविधान के पांचवी अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्र है जहां अनुसूचित जनजाति के लोग प्रमुख रूप से निवास करते हैं। सभी प्रकृति अर्थात जल, जंगल, भूमि की विभिन्न रूप से आस्था पूर्वक पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। जिस स्थल पर शिव महापुराण कथा का कार्यक्रम आयोजन हो रहा है उस स्थल पर डोबो ग्राम वासियों का सात बहनी पाठ देवियों का पूजा स्थल स्थित है। उक्त पूजा स्थल को जेसीबी मशीन से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। उस स्थल पर स्थानीय परंपरा के विरुद्ध शिव महापुराण का कथावाचन आयोजित किया जा रहा है जो आदिवासियों के धर्म और आस्था के ऊपर अतिक्रमण जैसा एक अपराध है। जिला प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा षड्यंत्र के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं संरक्षण पर ग्राम डोबो ग्राम सभा की अनुमति के बगैर पारंपरिक रुढिजन्य सात बहनी ग्राम देवियों का अपमानित एवं क्षतिग्रस्त करते हुए गैर आदिवासी के श्री शिव पुराण कथा प्रवचन का कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जो कानून गलत है।
ग्रामसभा अध्यक्ष ने अपने ज्ञापन में कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही आयोजकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

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