कहने के लिए Mayor उम्मीदवार और काम black mailing का

जमशेदपुर मानगो पोस्ट आफिस रोड में हाल ही खुले सावधान सिक्युरिटी सर्विस बनाम एक भाजपा नेता का मामला सिक्युरिटी सर्विस के संचालकों के इस आरोप के बाद दिलचस्प हो गया है जिसमें इन संचालकों ने दावा किया है कि वे उनसे प्रति गार्ड एक रकम बतौर हिस्सा चुकाने की मांग करते हैं और यह भी धमकाते हैं कि मानगो में वे एजेंसी का काम चलने नहीं देंगे।
उल्लेखनीय है कि गत रविवार को मानगो थाना पर उक्त एजेंसी के कथित कुछ गार्डों को लेकर यह कहते हुए प्रदर्शन किया गया कि एजेंसी इन गार्डों को वेतन नहीं दे रही और मांगने पर उसके मालिक गाली गलौज और हाथापायी करते हैं। इस संबंध में पांच व्यक्तियों से हस्ताक्षरित एक शिकायत मानगो थाना प्रभारी को दी गयी।
सिक्युरिटी एजेंसी के संचालक मुंजी भारती, जनार्दन प्रसाद और शुभम कुमार ने आज आरक्षी अधीक्षक को अपना पक्ष रखते हुए आवेदन देकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की जिसमें नेताजी पर उपर्युक्त आरोप भी लगाए है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने शिकायत की है उनमें अनिल मिश्रा भी है जो पेमेंट प्राप्ति की रसीद साइन किए हुए हैं। एक राजीव कुमार हैं जिन्होंने एक चोरी में अपनी लापरवाही और हाथ होना तथा पुलिस का जाली आचरण प्रमाण पत्र एजेंसी में जमा करने की बात स्वीकारी है। मालिकों का दावा है कि नेताजी जिन 25 व्यक्तियों को लेकर थाने में गए थे उनके नाम पता बताएं। वास्तव में ये उनके अपने लोग थे जिनको वे गार्ड बनाकर थाने पर ले गए।
इन मालिकों का कहना है कि गत 17 अक्टूबर 2020 को उनकी एजेंसी का उद्घाटन किया गया। नेताजी खुद आये, लेकिन बाद में रंग बदलना शुरु किया। इन्होंने माना है कि एक मालिक जनार्दन प्रसाद की तबियत ज्यादा बिगड़ जाने के कारण रिम्स में भर्ती होना पड़ा था जिस कारण उनका काम बुरी तरह ठप हो गया। फण्ड में दिक्कत के कारण तीन स्टाफ को पेमेंट के लिए समय दिया था और उनसे हमेशा संपर्क में रहते थे। विदित हो नेताजी मानगो नगर निगम के संभावित मेयर पद के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवारी के लिए हर उपाय के लिए प्रयत्नशील रहते हैं जिसके लिए खेमा भी बदल चुके हैं। लेकिन ज़मीन पर इस तरह के भयादोहन के आरोप उनकी दावेदारी को कमजोर ही करेंगे। रघुवर शासन के दौरान एस एस पी मैथ्यू ने मानगो में अवैध शराब कारोबारियों को लेकर एक सूची तैयार कराई थी जिसे लेकर चर्चा हुई थी। सावधान सेक्युरिटी सर्विस के तीनों संचालक कोई पूंजीपति या अनुभवी कारोबारी नही बल्कि मज़दूरी करते करते खुद का उद्यम शुरू करने आये हैं जिन्हें धोखा देनेवाले कुछ 5-6 कर्मचारी यह सब कुचक्र रचे हुए बताए जातें हैं जिन्हें सामने लाकर मंथली बंधवाने के लिए हंगामा कराया जा रहा हैं।

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