थमने का नाम नहीं ले रहा कांग्रेस में उठा सियासी तूफान : CM को लेकर हाईकमान से ही भिड़ गया गहलोत गुट

माकन-खड़गे सोनिया गांधी को सियासी संकट की रिपोर्ट सौंपी
जयपुर

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ चुकी है. कांग्रेस में अध्यक्ष और राजस्थान में मुख्यमंत्री का चयन आपस में उलझ गया है। अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के नामांकन के बीच सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाएं बनने लगीं। ऐसे में गहलोत गुट हाईकमान से ही भिड़ गया।
गहलोत गुट ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक ये गुट किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होगा। शर्तें भी रखी हैं। पहली- सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने। दूसरी- सीएम तब घोषित हो, जब अध्यक्ष का चुनाव हो जाए। तीसरी- जो भी नया मुख्यमंत्री हो, वो गहलोत की पसंद का ही हो।
शर्तों पर पर्यवेक्षकों को ऐतराज, हाईकमान को रिपोर्ट देंगे
माकन ने कहा, “विधायक दल की बैठक में MLAs का नहीं आना अनुशासन हीनता है। इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली। ये भी अनुशासनहीनता है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है। हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे। गहलोत समर्थक 102 MLAs में से ही सीएम बनाने की बात पर अड़े हैं।
वे अपनी बात को रेजोल्यूशन में शामिल करने की मांग कर रहे थे। जबकि रेजोल्यूशन एक लाइन का होता है। कांग्रेस के इतिहास में सशर्त रेजोल्यूशन आज तक पास नहीं हुआ है। उन्होंने अध्यक्ष के चुनाव तक सीएम पर कोई चर्चा नहीं कराने की मांग रखी, यह संभव नहीं है, क्योंकि यह हितों के टकराव का मामला है।”

1. माकन-खड़गे ने सोनिया को रिपोर्ट सौंपी : राजस्थान विधायक दल की बैठक के लिए ऑब्जर्वर बनाए गए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली पहुंचते ही सीधे सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ गए और रविवार रात के घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट सौंपी।

2.मदेरणा बोलीं, मैं गहलोत-पायलट गुट में नहीं,कांग्रेस के साथ: कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि मैं गहलोत और पायलट गुट में नहीं हूं। मेरा खुद का गुट है और मैं कांग्रेस आलाकमान के फैसले के साथ हूं। जहां भी विधायक दल की अधिकृत बैठक होगी वहां जाऊंगी,धारीवाल के घर बैठक में नहीं जाऊंगी।

3. कमलनाथ को बुलाया दिल्ली: अशोक गहलोत और पायलट गुट के बीच मध्यस्थता कराने के लिए हाईकमान ने MP के पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है।

4. अशोक गहलोत ऑब्जर्वर से मिलने गए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोपहर डेढ़ बजे के करीब होटल मैरियट गए थे। उन्होंने ऑब्जर्वर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने गहलोत से मुलाकात के बाद कहा- कल जो हुआ उससे हमने कांग्रेस अध्यक्ष को अवगत करा दिया है। जो भी निर्णय लिया जाता है, उसका सभी को पालन करना होता है। पार्टी में अनुशासन होना चाहिए।

5. पायलट के घर पहुंचे समर्थक विधायक : इधर, सचिन पायलट खेमे ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। सचिन पायलट सिविल लाइंस स्थित अपने बंगले पर मौजूद हैं। खिलाड़ी लाल बैरवा, वेद प्रकाश सोलंकी और जीआर खटाणा सहित कुछ समर्थक विधायक पायलट से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे हैं।

6. पर्यवेक्षकों से नहीं मिले विधायक: नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर राजस्थान में अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को हाईकमान ने भेजा। कहा कि विधायकों से बातचीत करो। यह भी निर्देश दिए वे हर विधायक से बातचीत करें, लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने पर्यवेक्षकों से मुलाकात नहीं की। अब माकन और खड़गे दोपहर में दिल्ली लौट गए हैं।

7. सचिन पायलट को फैसले का इंतजार: सचिन पायलट ने नया बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी वे दिल्ली नहीं जा रहे हैं। अभी वे जयपुर में ही हैं। आलाकमान के फैसले के बाद ही, वो अपना फैसला करेंगे।

8. गहलोत गुट ने चला गद्दार कार्ड, CP जोशी पर दी सफाई: यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया, पर बोले, “जिस प्रकार से प्रस्ताव पास करवाया जा रहा था, जो तरीका अपनाया जा रहा, उससे साफ लग रहा था कि उन लोगों को कुर्सी पर बैठाया जाएगा, जिन लोगों ने कांग्रेस के साथ गद्दारी की। सवाल इस बात का है कि आप किसी को बना दीजिए, जो 102 विधायक जयपुर और जैसलमेर के होटल में मौजूद थे। यह गलत बात है कि गहलोत ने सीएम के लिए सीपी जोशी का नाम लिया हो। सीपी जोशी ने पहले दिन ही मना कर दिया था कि मेरा इस पद से कोई लेना-देना नहीं है।’

गहलोत गुट का शक्ति प्रदर्शन, 70 ने इस्तीफा दिया.. दावा- 90 साथ

गहलोत समर्थकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया। 70 विधायकों ने रविवार शाम विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया कि हमारे पास 92 विधायक हैं। हमारी एक ही मांग है कि बगावत करने वाले लोगों में से CM न बनाया जाए।

इसके बाद CM हाउस पर बैठक हुई, इसमें राजस्थान प्रभारी व ऑब्जर्वर अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, गहलोत, पायलट, रघु शर्मा और कुछ वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे। गहलोत गुट का कहना है कि नया CM सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से ही होना चाहिए, यानी सचिन पायलट को CM न बनाया जाए। इसके साथ ही नए CM की घोषणा 19 अक्टूबर को अध्यक्ष के चुनाव के बाद की जाए और गहलोत के पसंद का ही मुख्यमंत्री बनाया जाए।

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