झारखंड पुलिस का वांटेड नक्सली महाराज प्रमाणिक ने किया सरेंडर: 120 से ज्यादा मामले हैं दर्ज

रांची झारखंड पुलिस का वांटेड नक्सली महाराज प्रमाणिक ने शुक्रवर को पुलिस के सामने सरेंड कर दिया है। उसने आईजी अभियान एवी होमकर और रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज के सामने 10 लाख रुपए का इनामी ने एके-47 के साथ आत्मसमर्पण किया। महाराज प्रमाणिक CPI(माओ) के केंद्रीय कमिटी सदस्य अनल उर्फ रमेश दा की टीम का सक्रिय सदस्य था। इतना ही नहीं यह नक्सली संगठन में मारक दस्ता का रीढ़ कहा जाता था। संगठन में इसके जोनल कमांडर का दर्जा दिया गया था। इस पर झारखंड के विभिन्न थानो में 120 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसके हमले में कई पुलिस के जवान शहीद हुए हैं।
नक्सलियों का संगठन से मोहभंग हो रहा
इस मौके पर IG ऑपरेशन एवी होमकर ने कहा कि महाराज प्रमाणिक का हथियार डालना पुलिस के लिए लिए बड़ी सफलता है। अब नक्सलियों का संगठन से मोहभंग हो रहा है। महाराज प्रामाणिक ने भी माना है कि नक्सली संगठनों के पास कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं है। उनका एकमात्र लक्ष्य लेवी वसूली है।

NIA को भी थी महाराज प्रमाणिक की तालाश
महाराज प्रमाणिक ने उसने सरायकेला के कुकुरूहाट, लांजी समेत कई घटनाओं को अंजाम दिया था। 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरूहाट में पुलिस बलों पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। मार्च 2021 में लांजी में IED धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप महाराज प्रमाणिक के दस्ते पर लगा था। महाराज प्रमाणिक की तलाश राज्य पुलिस के साथ साथ NIA को भी थी।

नक्सली संगठन ने कहा- अगस्त 2021 से संगठन से अलग है प्रमाणिक
इधर, पिछले साल माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पूर्व तीन बार इलाज का बहाना बनाकर महाराज संगठन से बाहर आया था। इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आ गया था। संगठन को इसकी जानकारी मिल गई, तब 14 अगस्त को वह संगठन छोड़कर भाग गया।

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