साहित्यकार नरेंद्र कोहली का निधन जमशेदपुर में हुआ था जन्म

जमशेदपुर: अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार डा. नरेंद्र कोहली का शनिवार देर रात दिल्ली में निधन हो गया। जमशेदपुर में यह खबर आग की तरह फैली, जिससे पूरे शहर में शोक की लहर फैल गई। खासकर साहित्य से जुड़े लोग यह खबर सुनकर काफी मर्माहत हुए हैं। डा. कोहली का जन्म इसी शहर में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी यहीं हुई थी।
जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज से हिंदी में स्नातक करने के बाद वे दिल्ली चले गए थे। इसके बाद वे वहीं बस गए। इसके बावजूद प्रतिवर्ष वे यहां तुलसी भवन द्वारा आयोजित साहित्यिक सम्मेलन अक्षर कुंभ में आते थे। बाद में यह आयोजन तुलसी भवन से हटकर दूसरे स्थानों पर भी हुआ, लेकिन जब तक प्रेमचंद मंधान जीवित रहे, आते रहे। जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज में उनके सहपाठी रहे डा. सी. भास्कर राव फोन पर बात करते ही फूट-फूटकर रोने लगे। डा. भास्कर राव की पत्नी डा. सूर्या राव भी साथ पढ़ी थीं।
भाई सोनारी के आदर्शनगर में रहते थे
बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग की अध्यक्ष डा. जूही समर्पिता ने कहा कि हाल में उनसे संस्कार भारती के एक कार्यक्रम में दिल्ली में मुलाकात हुई थी। जमशेदपुर के दर्जनों साहित्यकारों को डा. कोहली अक्सर फोन करते रहते थे। उनके भाई यहां सोनारी के आदर्शनगर में रहते थे। कोहली जी भी जमशेदपुर आगमन पर वहीं ठहरते थे। जब तक वे अक्षर कुंभ समेत अन्य साहित्यिक आयोजनों में यहां आते, सुबह से रात तक उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहता।

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