Motor cycle अग्निकांड : फर्जी नंबर प्लेट और फर्जी नंबर : साक्ष्य मिटाने के लिये माचिस लगा दी : Police के साथ खुराफात ?

मोटरसाइकिल में आग लगानेवाले मो. तौफिक की कुंडली निकालेगी पुलिस : कई आशंकाएं

Jamshedpur, 30 March: शब-ए-बरात की 28-29 मार्च की रात को जुगसलाई ट्राफिक थाना परिसर में पकड़ी गयी मोटर साइकिल को आग लगाने की घटना में कई सनसनीखेज तथ्य सामने आये हैं जिनसे अंदेशा होता है कि मोटरसाइकिल के कागजात फर्जी थे और सवार ने पहले पुलिस की आंखों में धूल झोंककर निकलने का प्रयास किया लेकिन मामला सामने आने पर उसने आग लगाकर सबूत मिटाने का प्रयास किया. पुलिस की सजगता से मोटरसाइकिल 15 से 20 प्रतिशत ही जल पाई और उसे बहुत नुकसान नहीं हुआ.
इस संबंध में ट्रॉफिक पुलिस ने थाना में एक एफआईआर भी दर्ज कराया, जिसे आईपीसी की धाराओं 435/427 आदि के तहत पंजीकृत कर लिया गया है. इस गाड़ी के नंबर प्लेट पर MP 24 EC-5617 दर्ज था, जो फिलहाल एप पर जांच में पुष्ट नहीं हो पाया. गाड़ी सवार मोहम्मद तौफीक अहमद ने इसी गाड़ी में आग लगाने की कोशिश की क्योंकि उसने चालान कटाने के समय JH 05 CP-5917 नंबर बताया और अपना ड्राइविंग लाइसेंस नंबर JH050022229/2020 प्रस्तुत किया. तौफिक अहमद पिता शमीम अनवर मानगो के पते पर यह ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत हुआ है. JH05CP-5917 नंबर काले रंग की एक स्प्लैंडर का है जो जादूगोड़ा के 169, कालापाथर के रहनेवाली कदम बाला भगत (पति-अर्नब कुमार) के नाम पर रजिस्टर्ड है. ट्रॉफिक पुलिस ने पता किया तो उक्त स्प्लैंडर जादूगोड़ा में उसके मालिक के पास ही थी। पुलिस ने तौफिक को जब MP24 EC-5617 नंबर संबंधी कागजात प्रस्तुत करने को कहा तब वह थाने से छिटककर बाहर निकला और संभवत: अपनी जालसाजी का सबूत मिटाने के लिये उसने गाड़ी में माचिस की तिली जला दी. गाड़ी जलने पर पुलिसवाले सजग हुए और तत्काल उसपर काबू पाया, क्योंकि उस गाड़ी के साथ अन्य गाडिय़ां भी खड़ी थी, जिनमें आग लगने का खतरा था. आग लगाकर मो. तौफिक अहमद थाने से नौ दो ग्यारह हो गया. अब पुलिस अनुसंधान में यह पता चलेगा कि एमपी नंबरवाले इस मोटरसाइकिल और उसके सवार की कुंडली क्या है. फिलहाल आशंका जताई जाती है कि मोटरसाइकिल का कोई कागजात नहीं होंगा और मोटरसाइकिल सवार ने आपराधिक दिमाग का इस्तेमाल करते हुए उसमें आग लगाने की कोशिश की. उल्लेखनीय है कि शब-ए-बरात के मौके पर पुलिस प्रशासन ने पूरी रात वाहनों की चेकिंग करने का निर्देश जारी किया था. चेकिंग के दौरान उक्त मोटरसाइकिल पर सवार युवकों को जांच के लिये रोका गया था. अपनी इस जालसाजी को ढकने के लिये मोटरसाइकिल सवार ने उन्माद फैलाकर पुलिस जांच के खिलाफ माहौल बनाने की असफल कोशिश की है. मो. तौफिक ने जेएचवाले सुपर स्प्लैंडर का नंबर कैसे लिखाया और उस गाड़ी मालिक से उसका क्या संबंध है, यह भी जांच का विषय हो गया है. चालान कटवाने के लिये उसने गलत नंबर क्यों दिया और जब मामला परत दर परत सामने आने लगा तो उसने मोटरसाइकिल में आग क्यों लगाई और थाने से भागा क्यों ? पुलिस हर पहलू पर जांच करे तो इसके पीछे का कोई बड़ा खेल सामने आ जाये ।

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