Jharkhand के सभी प्लस टू स्कूलों में होगी स्थानीय भाषा की पढ़ाई

विधानसभा में सरकार की घोषणा, शिक्षकों की होगी नियुक्ति
रांची: राज्य के सभी प्लस टू स्कूलों में स्थानीय भाषा के शिक्षकों के पद सृजित किये जाएंगे। विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन विधायक बंधु तिर्की के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि पद का सृजन कर सरकार जल्द ही बहाली भी करेगी। इसके साथ ही झारखंड में उर्दू शिक्षकों के खाली पद भरे जाएंगे। इसके अलावा प्लस टू और प्राथमिक स्कूलों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राज्य के मध्य विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के 4401 पदों में 3642 पद रिक्त हैं। सरकार ने सदन में रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति का आश्वासन दिया। राज्य के प्लस टू स्कूलों में फिलहाल स्थानीय भाषा के शिक्षकों का पद है ही नहीं। स्टीफन मरांडी ने कहा कि जब प्राथमिक स्तर पर स्थानीय भाषा की पढ़ाई होती ही नहीं तो फिर पीजी में पढ़ाई का क्या फायदा। उन्होंने हर स्तर पर स्थानीय भाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने की मांग की है। इस पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में जरूरत क्या है इसका सरकार सर्वे कराएगी, उसके बाद पद सृजन और नियुक्ति पर विचार करेगी।
क्षेत्रीय भाषाओं के 29 और जनजातीय भाषा के 9 पदों का होगा सृजन: बंधु तिर्की ने रांची यूनिवर्सिटी के पीजी विभाग में संचालित 9जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षक की कमी का मामला उठाया था। इस पर सरकार ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के 29 और जनजातीय भाषा के 9 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है।
नेतरहाट स्कूल की संरचना पर 10 करोड़ होंगे खर्च: नेतरहाट आवासीय विद्यालय के सु²ढ़ीकरण और संरचना विकास पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य योजना के अधीन सहायक अनुदान की राशि की स्वीकृति से संबंधित स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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