कोरोना टीका को लेकर अब टूटेगा भ्रम

कोरोना ने जितना हडक़ंप पूरी दुनियां में मचाया, उससे कम हडक़ंप भारत में कोरोना टीका को लेकर नहीं मचा। कोरोना टीका के आने के समय से ही इसे लेकर काफी विवाद खड़ा किया गया और आज भी यह विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। विपक्ष ने कोरोना टीका पर सवाल उठाये। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने तो इसे भाजपा का टीका करार देकर इसकी खिल्ली उड़ाने की कोशिश की। राजनीति का जो स्तर गिरता जा रहा है, यह सब उसी का परिणाम है। 1 मार्च से देश में आम लोगों को टीका मिलना शुरु हुआ लेकिन विवाद जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राज्यों के मुख्य मंत्रियों ने पहले दिन टीका लगवाया। टीकाकरण का विवाद इसके बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री को सबसे पहले टीका लगवाना चाहिये। ताकि लोगों का भरोसा टीका के प्रति बढे। टीका को लेकर कुछ ऐसा भ्रम फैलाया गया कि एक बारगी ऐसा लगने लगा कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी है। हलांकि जब दुनियां के कई दूसरे देशों ने भारत से टीका मंगानी शुरु की तो यह भ्रम टूटा। भारत में जितनी बड़ी ताबाद में टीका बन रहा है, वह न केवल भारत के लिये बल्कि पूरी दुनियां के लिये सुखद बात है।
टीका को लेकर जो माहौल बना है, उसे देखते हुए कई सर्वे भी हुए। एक सर्वे में 13 फीसदी लोगों ने कहा है कि डर तो अब भी है। सर्वे में 6 फीसदी लोग ऐसे भी हैं टीका को लेकर उलझन में हैं। पीएम मोदी के टीका लगवाने के बाद अब ज्यादातर लोगों के मन से सवाल खत्म हो गया है और अब लोग ज्यादा से ज्यादा टीका करवाने पहुंचेंगे ऐसी उम्मीद की जा रही है।कोरोना वायरस के बाद जब वैक्सीन आई तो लोगों ने राहत की सांस ली मगर मन में डर और चिंता थी। लोगों को वैक्सीन पर विश्वास नहीं हो रहा था। पीएम मोदी के भारत बायोटेक की बनाई कोविड वैक्सीन कोवैक्सिन लगवाने के बाद राजनीतिक सुर तो बदल ही गए साथ में आम लोगों में भी विश्वास हो गया है।
सर्वे मे जानना चाहा गया कि पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाने के बाद क्या लोगों के मन में अब भी कोई सवाल है। े लोगों के सवाल पूछा गया कि पीएम के कोरोना टीका लेने के बाद आपको क्या लग रहा है? इससे जो हमको पता चला है वो काफी चौंकाने वाला है। पहले लगभग 50 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगवाने में डर लग रहा था अगर पीएम मोदी को वैक्सीन लगवाने के बाद 81 फीसदी लोगों का कहना है कि मन से डर खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री के टीका लगवाने के पहले 50 प्रतिशत लोगों के मन में टीका को लेकर भ्रम था। भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में टीकाकरण का अभियान इतना आसान नहीं होगा। यह ऐसा टीका है जो हर उम्र के लोगों के लिये उपयोगी है। सामान्य तौर पर जो टीके लगवाये जाते हैं, वह किसी खास उम्र के लिये होते हैं। उनका साइड इफेटक्ट भी होता है, लेकिन अब साफ होता जा रहा है कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है।

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