चांडिल : जिप सदस्य ओमप्रकाश लायेक सरकारी जमीन अतिक्रमणकारी, जनता सोच समझ कर करें मतदान

चांडिल । महज 12 घंटे बाद से झारखंड पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान शुरू हो जाएगा। अब चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी बचे हुए 12 घंटे के भीतर अपने बूथ मैनेजमेंट में जुटे हैं। इस बीच चांडिल के निवर्तमान जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश लायेक द्वारा अपने ही गांव के सरकारी जमीन को अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के समर्थक एक दूसरे की खूब टांग खिंचाई कर रहे हैं, जिसमें लगातार सरकारी जमीन अतिक्रमण करने का मामला उछाला जा रहा है। प्रथम चरण में सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल में चुनाव होना है। इस बीच चांडिल बाजार में राजनीतिक हलचल मची हुई हैं। चांडिल भाग 5 एससी महिला जिला परिषद सीट से तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान पर मुकाबला करते दिख रहे हैं। जिसमें से अष्टमी रविदास और पिंकी लायेक के बीच कड़ी टक्कर है। अब इस चुनावी दंगल में जिला परिषद प्रत्याशी पिंकी लायेक के पति निवर्तमान जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश लायेक पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला तूल पकड़ा है। चांडिल के भुइयाडीह निवासी प्रवीण महतो ने निवर्तमान जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश लायेक पर आरोप लगाते हुए कहा कि चांडिल अंचल के करनीडीह मौजा में खाता संख्या 280 के प्लॉट संख्या 686 में करीब 15 डिसमिल सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया है। उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय में जाकर स्वयं कागजातों की जांच किया है एवं अधिकारियों से भी जानकारी प्राप्त की है, जिसमें स्पष्ट रूप से उक्त जमीन सरकारी है। आरोप है कि जिला परिषद सदस्य ने अपने पद का दरुपयोग करते हुए भुइयाडीह सरकारी स्कूल के बगल में स्थित 15 डिसमिल सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया है। जिला परिषद सदस्य ने उक्त जमीन पर लगे कई मूल्यवान पेड़ों को काटा है और चारदीवारी निर्माण कराया है। प्रवीण महतो ने कहा कि जिला परिषद ओम प्रकाश लायेक को स्थानीय विधायक का भी संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण गांव के लोग सरकारी जमीन अतिक्रमण के खिलाफ बोलने से डरते हैं। गांव के एक दो लोगों ने विरोध करने का प्रयास किया था तो उन्हें जेल भेजवाने की धमकी दी गई थी। उन्होंने कहा कि चांडिल की जनता को सोच समझकर मतदान करने की जरूरत है, अन्यथा ऐसे लोगों को जनप्रतिनिधि बनाने से सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा होगा। प्रवीण महतो ने कहा कि प्रशासन को अवैध जमीन अतिक्रमण मामले की जांच करनी चाहिए और सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया जाना चाहिए।

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