बुली बाई ऐप केस.उत्तराखंड की महिला लगवा रही थी मुस्लिम महिलाओं की बोली, निकली मास्टरमाइंड,अरेस्ट

मुंबई 4 janसोशल मीडिया पर दमदार तरीके से अपनी बात रखने वाली 100 जानी-मानी मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ उत्तराखंड की एक महिला ने अपने साथी के साथ मिलकर साजिश रची. ‘बुली बाई ऐप’ पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगवाने के मामले में अजब खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में उत्तराखंड से एक युवती को अरेस्ट किया है। यह युवती ही इस पूरे केस की मास्टरमाइंड बताई जा रही है यानी यही महिलाओं की बोली लगवा रही थी।
मुंबई पुलिस की एक टीम उत्तराखंड में मौजूद है और मंगलवार को इस युवती को ट्रांजिट रिमांड पर अपनी कस्टड़ी में लेने की कार्रवाई पूरा कर रही है। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद बुधवार को उसे मुंबई लाया जाएगा।
उधर, इस मामले में बंगलुरु से गिरफ्तार सॉफ्टवेयर इंजीनियर विशाल झा को मुंबई के बांद्रा मेट्रोपोलिटन कोर्ट में पेश किया गया है। तकरीबन आधे घंटे की सुनवाई के बाद आरोपी को 10 जनवरी तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
तीन अकाउंट हैंडल कर रही आरोपी महिला
मुंबई पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य आरोपी युवती ‘बुली बाई’ ऐप से जुड़े तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी। सह आरोपी विशाल कुमार ने ‘Khalsa supremacist’ के नाम से खाता खोला।
मुख्य आरोपी युवती और विशाल झा दोनों अच्छे दोस्त हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से दोनों की दोस्ती हुई थी। मुंबई पुलिस के मुताबिक, दोनों नाम बदल कर सोशल मीडिया में अकाउंट चलाते थे। इन्होंने सिख संगठनों के नाम से कुछ अकाउंट खोल रखे थे। साइबर सेल की टीम इन सोशल अकाउंट की जांच कर रही है। फिलहाल महिला की पहचान उजागर नहीं की गई है।

ऐसे सामने आया मामला
यह मामला सबसे पहले 1 जनवरी को सामने आया था। आरोपियों ने कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को एडिट कर GitHub प्लेटफार्म पर बने ‘बुली बाई ऐप’ पर ऑक्शन के लिए डाला था। इसमें उन महिलाओं को टारगेट किया गया था, जो सोशल मुद्दों पर सक्रिय थीं। इनमें कुछ महिला जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट और लॉयर शामिल हैं।

मुंबई में दर्ज हुई थी FIR
इसके बाद वेस्ट मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन में इस मामले में रविवार को दिन में अज्ञात आरोपी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुंबई पुलिस ने इस FIR में IPC की धारा 153-ए (धार्मिक आधार पर दो समुदायों के बीच भेदभाव को बढ़ाना), 153-बी (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने की कोशिश करना), 354-डी (पीछा करना), 509 (महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने की नीयत वाले शब्द या व्यवहार का उपयोग करना) और 500 (आपराधिक मानहानि) शामिल की गई हैं। साथ ही IT एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में आपत्तिजनक मटीरियल पब्लिश करना या भेजना) भी शामिल की गई है।

पुलिस ने डेवलपर की जानकारी मांगी
दिल्ली पुलिस ने सोमवार सुबह डॉजी एप्लिकेशन के डेवलपर के बारे में गिटहब प्लेटफॉर्म से जानकारी मांगी है। वहीं, ट्विटर से अपने प्लेटफॉर्म पर संबंधित कंटेंट को ब्लॉक करने और हटाने के लिए कहा गया है। पुलिस ने ट्विटर से ऐप के बारे में सबसे पहले ट्वीट करने वाले अकाउंट हैंडलर के बारे में भी जानकारी मांगी है।

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