मांग-आपूर्ति के अंतर को झेलता रहता है पावर ग्रिड, ‘संकट’ से निपटने का पुख्ता इंतजाम

मांग-आपूर्ति के अंतर को झेलता रहता है पावर ग्रिड, ‘संकट’ से निपटने का पुख्ता इंतजामक्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ घर की लाइट बंद करने को कहा है.

नई दिल्ली. APRIL 4, 2020 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच अप्रैल रात 9 बजकर 9 मिनट तक घर की लाइट बंद करने की अपील ने राजनीतिक रंग ले लिया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने पावर ग्रिड पर बुरा असर पड़ने की संभावना को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं. ग्रिड को लेकर ही सवाल कुछ तकनीकी जानकारों ने भी किए हैं. ऐसी आशंकाएं व्‍यक्‍त की जा रही हैं कि इसके कारण ग्रिड में अस्थिरता से वोल्‍टेज में उतार-चढ़ाव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है, जिससे इलैक्ट्रिक उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है. लेकिन बिजली मंत्रालय ने कहा है कि लाइट बंद करने से ग्रिड फेल होने की आशंकाएं बेबुनियाद हैं. बिजली की मांग में होने वाले अंतर से निपटने के लिए इसमें पुख्‍ता इंतजाम और प्रोटोकॉल मौजूद हैं.

बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली कहते हैं कि जो लोग लाइट बंद होने से ग्रिड फेल होने जैसी बात कर रहे हैं वो ऐसा सिर्फ राजनीति से प्रेरित होकर कह रहे हैं. असल में ऐसी कोई दिक्कत नहीं होने वाली. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ घर की लाइट बंद करने को कहा है. स्‍ट्रीट लाइट्स, टीवी, पंखे, रेफ्रिजरेटर, कंप्यूटर और एसी बंद करने के लिए नहीं कहा. अब घरों में लोगों ने एलईडी लाइटें लगा रखी हैं जिसमें बिजली की खपत पहले से ही काफी कम है.
उधर, बिजली मंत्रालय ने कहा है कि अस्‍पतालों और सार्वजनिक सुविधाओं, नगर निगम सेवाओं, कार्यालयों, पुलिस स्‍टेशनों, विनिर्माण कारखानों आदि जैसी अन्‍य आवश्‍यक सेवाओं की बत्तियां जलती रहेंगी. सभी स्‍थानीय निकायों को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए स्‍ट्रीट लाइट्स जलते रहने देने की सलाह दी गई है.
इलेक्ट्रिसिटी एंप्लाइयज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत नंदी चौधरी ने बातचीत में कहा कि इस समय आमतौर पर शाम को 1.70 लाख मेगावाट बिजली की डिमांड होती है. 20 मार्च को यह लोड 1.63 लाख मेगावाट का था. यह मांग लॉकडाउन के बाद 28 मार्च को घटकर 1.17 लाख यूनिट रह गई क्योंकि फैक्ट्रियां बंद हैं. जबकि 2 अप्रैल को लोड 1.25 लाख मेगावाट था. ऐसे में घरों की लाइट बंद होने से बिजली की मांग और घट जाएगी. इससे ग्रिड पर असर पड़ सकता है.

केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण पावर ग्रिड के सामान्य संचालन के लिए 49.95-50.05 हर्त्ज के फ्रीक्वेंसी बैंड की अनुमति देता है. बिजली प्रवाह में अचानक किसी तरह की कमी या वृद्धि होने से ग्रिड पर असर पड़ने की संभावना रहती है. लेकिन जिस असर की संभावना है उससे निपटने के लिए पूरा सरकारी तंत्र तैयार है. उधर, हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने साफ किया है कि प्रदेश में अगर 300 मेगावाट का भी असर पड़ जाए तो हम संभाल लेंगे.

Share this News...