बीटेक छात्रा रेप हत्याकांड कोर्ट ने राहुल राज को दोषी करार दिया, सजा के बिंदुओं पर सुनवाई आज

रांची 20 दिसंबर: झारखंड की राजधानी रांची के बूटी मोड़ में इंजीनियरिंग की छात्रा से बर्बरता मामले के मुख्य आरोपी राहुल राज को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. कोर्ट शनिवार को राहुल राज उर्फ अंकित राज उर्फ रॉकी को सजा सुना सकती है. उसे इसी वर्ष जून में डीएनए के आधार पर सीबीआइ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था. रेपकांड में दोषी करार राहुल राज बिहार के नालंदा जिला के एकंगर सराय का रहने वाला है. राहुल को गिरफ्तार करने में सीबीआइ को ढाई साल लग गये थे. 16 दिसंबर, 2016 को बूटी मोड़ के पास स्थित एक बस्ती में इंजीनियरिंग की छात्रा से दुष्कर्म के बाद उसे जला दिया गया था.

शुक्रवार को रांची के सिविल कोर्ट में सीबीआइ की विशेष अदालत ने उसे दोषी करार दिया. सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह सजा के बिंदुओं पर शनिवार को सुनवाई करेंगे. 19 सितंबर, 2019 को सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल किया था, 25 अक्टूबर, 2019 को उसके खिलाफ आरोप तय किये गये.
झारखंड पुलिस की एजेंसियां जब मामले का उद्भेदन करने में नाकाम रहीं, तो इसकी जांच सीबीआी को सौंप दी गयी. सीबीआइ ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. अब रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने राहुल राज को दोषी करार दे दिया है. जांच में पता चला कि दिल्ली निर्भया कांड की चौथी बरसी के दिन झारखंड में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की 19 साल की छात्रा की कथित रूप से बलात्कार के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी गयी और उसके शव को कमरे में ही जला दिया गया. छात्रा रामटहल चौधरी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ती थी.
शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया था कि नग्न अवस्था में मृत मिली छात्रा के गले में धातु की तार लिपटी हुई थी. सिर तथा शरीर के ऊपर का हिस्सा बुरी तरह जल चुका था. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस जब छात्रा के कमरे में पहुंची, तो वह जल रही थी. कमरे से धुआं निकल रहा था. बड़काकाना की रहने वाली छात्रा एक दिन पहले ही रांची लौटी थी. वह मकान में अकेली रहती थी.

सीआईडी से खुलासा नहीं हुआ तो सीबीआई को सौंपा केस
घटना 15 दिसंबर 2016 की देर रात की है। उसी दिन उक्त छात्रा के पिता उसे बरकाकाना से लेकर रांची आए थे। उसे कॉलेज छोड़कर बरकाकाना लौट गए थे। रात में ही छात्रा की हत्या हो गई थी। 16 दिसंबर की सुबह खुलासा तब हुआ जब वह फोन नहीं उठा रही थी और पिता ने पड़ोसी को फोन कर कहा कि जाकर देखें। पड़ोसी घर में पहुंची तो देखा कि दरवाजा खुला हुआ है और छात्रा नीचे पड़ी हुई है। चेहरा जला हुआ है। सभी तरह की जांच हुई। लेकिन, पुलिस कुछ पता नहीं कर सकी। फिर सीआईडी को सौंपा गया। सीआईडी से भी खुलासा नहीं हुआ तो सीबीआई को 28 मार्च 2018 को सौंप दिया गया था।
पटना में भी दर्ज है राहुल पर रेप केस
बूटी बस्ती में 15 दिसंबर 2016 की रात सामूहिक दुष्कर्म के बाद मारी गई बीटेक छात्रा हत्याकांड में दोषी राहुल राज बेउर जेल में तीन साल बंद रहा है। कई उपनाम से अपराध करने वाला राहुल बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरा गांव निवासी ऑटो चालक उमेश प्रसाद का बेटा है। बेउर जेल में वह 29 जून 2013 से 3 सितंबर 2016 तक बंद था। उसपर महिला थाना में रेप का केस दर्ज था।

सिपाहियों को शराब पिला दी और गांव से भाग गया
4 सितंबर 2016 को उसके चाचा की मौत हो गई थी। कोर्ट से पेरोल मिलने के बाद वह चाचा के श्राद्ध में गांव गया। उसने गांव में ही सिपाहियों को शराब पिला दी और गांव से भाग गया। उसके बाद वह गिरफ्तार नहीं हुआ। राहुल पर लखनऊ में भी दुष्कर्म का एक मामला दर्ज है। इसी मामले में वह लखनऊ जेल में बंद था।
छात्रा पिता ने कहा- मिले फांसी की सजा
छात्रा के पिता ने कहा था कि राहुल राज को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि अब बूटी वाले घर में कोई जाना नहीं चाहता। बूटी बस्ती में अप्रैल में सीबीआई के साथ गए थे। 10 अप्रैल को सीबीआई की टीम आई थी और बताया था की बूटी बस्ती आवास देखने चलना है, उन्हीं के साथ यहां आखिरी बार आए।.

टाइमलाइन
16 दिसंबर, 2016 : सुबह आठ बजे हत्याकांड के बारे में पुलिस को सूचना मिली. पुलिस पहुंची. जलती छात्रा को रिम्स भेजा. अस्पताल में मौत.
17 दिसंबर, 2016 : शव का अंतिम संस्कार किया गया. शक के आधार पर छह युवकों को हिरासत में लिया गया. पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया.
18 दिसंबर, 2016 : फॉरेंसिक की टीम ने घटनास्थल की सूक्ष्म जांच की. हत्याकांड से लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. राजधानी में विरोध-प्रदर्शन हुए, कैंडल मार्च भी निकाले गये.
19 दिसंबर, 2016 : एक हजार छात्रों ने बूटी मोड़ चौराहे को चार घंटे तक जाम कर दिया.
20 दिसंबर, 2016 : पुलिस ने दावा किया कि शीघ्र मामले का खुलासा हो जायेगा.
21 दिसंबर, 2016 : निर्भया के कॉलेज जाकर पुलिस ने उसकी सहेलियों से पूछताछ की.
22 दिसंबर, 2016 : निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए लोग एक बार फिर सड़क पर उतरे.
28 मार्च, 2018 : सीबीआई ने केस दर्ज किया.
22 जून, 2019 : निर्भया हत्याकांड के ढाई साल बीत जाने के बाद सीबीआइ की टीम ने बीटेक के छात्र राहुल राज को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
19 सितंबर, 2019 : सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल किया.
25 अक्टूबर, 2019 : राहुल राज के खिलाफ आरोप तय किये गये.
20 दिसंबर, 2019 : रांची की अदालत ने राहुल राज को दोषी करार दिया.

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