बाबूजी संभलके चलना, बड़े धोखे हैं इस राह में… जाल बिछाए बैठी हैं चालबाज विषकन्याएं सोशल मीडिया साइट बना बड़ा अड्डा

जमशेदपुर: राह चलती ‘पद्मिनियोंÓ को देखकर बरबस ‘अलाउद्दीन खिलजीÓ बनने के हौसले मत पाला करिए, वो 700 साल पहले की पद्मिनियां कुछ और होती थीं जो अपनी आबरू की रक्षा के लिए खुद जौहर तक को वरण कर लेती थीं. अब की पद्मिनियों से अगर पाला पड़ गया तो आपको ही जौहर तक पहुंचा देंगी, खासकर सोशल मीडिया पर चैटिंग के दाने डालने वाली. जरा संभलकर सोशल मीडिया पर चौके-छक्के लगाइए, वहां कई पद्मिनियां फील्डिंग सजाए हिट विकेट करने को बैठी हैं. अभी देखा न जुगसलाई वाले कपड़ा कारोबारी को, क्या हाल कर दिया उसका?
ये सोशल नेटवर्किंग साइट तो कई मामलों में बड़े काम की चीज होती हैं लेकिन वहां कुछ प्रोफेशनल टाइप की विषकन्याएं भी जाल बिछाए बैठी रहती हैं जो दौलत वाली, रसूख वाली और शोहरत वाली हस्तियों को फंसाने का काम करती हैं. अगर इन साइटों के फायदे हैं तो नुकसान भी कम नहीं. कई मायनों में पुरुषों के लिए आफत भी बन जा रही हैं. वे पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हें, अनतरंग बातें करती हैं. फिर बिष्टूपुर, साकची या रांची-कोलकाता के बड़े होटलों में बुलाती हैं. वहां खा-पीकर हुस्नोइश्क का ऐसा जाल बिछाती हैं, फंसे बिना बच नहीं सकते. हगिंग, किसिंग से सिलसिला शुरू होकर आगे के पायदान तक भी ले जाती हैं और आपकी बेखुदी को भांपकर अनतरंग पलों के शॉट्स मोबाइल में कैद कर लेती हैं. फिर शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल. लोहनगरी में भी यह विषकन्याओं के ‘इजी मनीÓ का धंधा बन गया है जो युवाओं को सोशल साइट के अलावे राह चलते भी फांसती रहती है. एक युवक दिन भर हड्डी-तोड़ मेहनत करे तब शायद 500-1000 रुपया भी न कमा पाए जबकि यह विषकन्याएं 20 से 25 हजार का एक दिन में वारा-न्यारा कर लेती हैं.
कभी तस्वीरों को घर तक पहुंचाने की धमकी देती हैं तो कभी सार्वजनिक करने की. डर का ऐसा भौकाल खड़ा कर देती हैं कि आप उनके चरणों में होते हैं. और इसी डर का वह सौदा करती हैं. आपको भी अपने घर, परिवार, समाज, रुतबा, ओहदा, रसूख की चिंता होती है और आप अपनी मोटी कमाई उसकी झोली में डालने में लगते हैं. कभी-कभी यह सौदा एक बार के पेमेंट पर इंड नहीं पाता बल्कि आप इस तरह उलझते चले जाते हैं कि एक तरफ जेल दिखती है तो दूसरी तरफ जिंदगी. जिंदगी बचाने में जेब ढीली होती है तो जेल से बचने की कोशिश में जिंदगी दांव पर लगती है. ऐसी चालबाज हसीनाएं कुछ तो गिरोह बनाकर धंधा करती हैं, तो कुछ वन-टू-वन डील करती हैं.
अगर फंस गए हैं तो करें क्या?
अव्वल तो है कि ऐसी गलती करिए ही नहीं और कर चुके हैं तो डरिए नहीं. क्योंकि यहां डर का ही सौदा होता है. अगर जाने-अनजाने ऐसा दौर शुरू हो चुका है और आपको बाद में एहसास होता है तो अगले के मेसेज और बातचीत को डिलीट नहीं करें. क्योंकि अगर आप फंसते हैं तो ये ही आपकी जान बचाएंगे. अगर कोई गलत नीयत से आपको अपने जाल में फंसाती है तो वह फेक अकांउट बनाकर ही बतोलाबाजी करेगी. ब्लैकमेलिंग की स्थिति में ऐसे अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिए जाते हैं. बाद में चैट भी नहीं दिखती. हो सके तो पहले ही कुछ स्क्रीन शाट्स ले लीजिए. ध्यान रखें कि स्क्रीन शॉट्स के साथ टाइम स्नैप भी आए…..(बाकी बाद में)
केस स्टडी-1
मामला गुजरात का है लेकिन एक साल पुराना है. इसमें एक युवती ने अपने भाई की मदद से व्यापारी के साथ अश्लील तस्वीरें ले
लीं और बाद में रुपए मांगने लगी. मामला सूरत शहर के सीमाड़ा गांव का है जहां रहने वाले एम्ब्रॉयडरी के व्यवसायी को हनीट्रेप में फंसाकर
1.41 लाख रूपए हड़पने वाले भाई-बहन सहित तीन जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इस षडयंत्र में बहन ने अपने भाई के सामने
आपत्तिजनक वीडियो उतरवाया था. अमरेली के मूल निवासी एवं सूरत के सीमाड़ा गांव निवासी सतीश भाई बरवालिया को एक युवती ने फोन कर भगवती कृपा सोसायटी में स्थित स्कूल के प्रथम तल पर बुलाया. सतीश भाई के वहां पहुंचते ही दो युवक भी युवती के साथ पहुंच गए. इन लोगों ने सतीश के साथ युवती की जबरन आपत्तिजनक फोटो व वीडियो बना लिए और फिर ब्लैकमेल कर 5 लाख मांगने लगे. सतीश के इनकार करने पर इन तीनों ने 45 हजार रुपए की उसकी सोने की चेन, जेब से 26 हजार रुपए लेने के बाद एटीएम कार्ड का पासवर्ड प्राप्त कर खाते से 70,000 रुपए निकाल लिए. इस प्रकार 1.41 लाख रुपए जबरन लेने के बाद वे सतीश से और रुपयों की मांग कर ब्लैकमेल करने लगे. इससे परेशान होकर सतीश ने कपोद्रा पुलिस थाने में शिकायत कर विजय दिलीप बारैया उसकी सगी बहन जयश्री उर्फ गुड्डी तथा ओमकार अशोक भाई गोस्वामी को गिरफ्तार करवा दिया. इस व्यापारी ने हिम्मत दिखाई और परिवालों को विश्वास में लेकर कानून की मदद ली.

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