चक्रधरपुर कोविड-19 डेडीकेटेड (समर्पित) अस्पताल में पूर्णरूपेण मॉक ड्रिल

*3 किलो मीटर के त्रिज्या (रेडियस) में कर्फ्यू और कंटेनमेंट स्ट्रेटजी से लेकर सभी बिंदुओं पर त्वरित सतर्कता देखी गई

चक्रधरपूर।
चक्रधरपुर कोविड-19 डेडीकेटेड (समर्पित) अस्पताल में एक पूर्णरूपेण मॉक ड्रिल आयोजित किया गया। मॉक ड्रिल के पूर्व किसी भी पदाधिकारी, चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि कोविड-19 स्पेशलिटी अस्पताल चक्रधरपुर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है। उपायुक्त एवं अस्पताल के वरीय प्रभारी -सह- उप विकास आयुक्त ने पदाधिकारियों व चिकित्सा कर्मियों की पूरी टीम के प्रदर्शन को संतुष्टिप्रद बताया। आरक्षी अधीक्षक ने मॉक ड्रिल के प्रति संतोष जताया*

मॉक ड्रिल के उपरांत उपायुक्त श्री अरवा राजकमल ने बताया कि जब मॉक ड्रिल शुरू हुआ था उसके करीब *1 घंटे पूर्व सभी संबद्ध पदाधिकारियों को यह बताया गया कि चाईबासा में कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीज का केस आ चुका है। किसी को भी पता नहीं था कि यह मॉक ड्रिल है।* जिले में कोरोना संक्रमण का मामला संज्ञान में आने पर संबंधित चिकित्सकों और पदाधिकारियों की क्या त्वरित प्रतिक्रिया होनी चाहिए इसका आंकलन किया गया। उपायुक्त ने कहा कि चाहे सिविल पदाधिकारी हों, पुलिस पदाधिकारी हों, चिकित्सक हों या चिकित्सा कर्मी हों सभी को यह बताया गया कि जिले में कोरोना संक्रमण का पॉजिटिव केस आ चुका है, मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना है इसलिए यथाशीघ्र सभी को आने का निर्देश दिया गया। *त्वरित रूप से क्या उपागम अपनाए जाने चाहिए इसका आंकलन करना उद्देश्य था।* उपायुक्त ने कहा कि सभी पदाधिकारियों चिकित्सा कर्मी और चिकित्सकों में सतर्कता देखने को मिली। मॉक ड्रिल का उद्देश्य ही था कि किसी स्तर पर यदि ससमय कर्तव्य के अनुपालन में किसी के द्वारा देरी की जाती है तो ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जा सके। वास्तव में यदि ऐसा केस आता है तो उस समय प्रशासन की पूरी टीम पूर्णतया तैयार रहे, यही मुख्य उद्देश्य है।

*आधा घंटे के भीतर पदाधिकारी और पीपीई किट के साथ चिकित्सक ड्यूटी पर तैनात*
आधा घंटे के भीतर सभी प्रतिनियुक्त चिकित्सक (डॉक्टर्स ऑन ड्यूटी) पीपीई किट के साथ मरीज को भर्ती कराने के लिए अपने ड्यूटी पर तैनात हो गए। पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी और कर्मी भी पूरी तरह से मुस्तैद रहे

*एंबुलेंस द्वारा स्मूथ ट्रांजैक्शन*
संक्रमित मरीज को एंबुलेंस द्वारा बिना किसी रूकावट या व्यवधान के अस्पताल तक लाने की पूरी व्यवस्था को निरूपित किया गया।

*3 किलो मीटर के त्रिज्या (रेडियस) में कर्फ्यू और कंटेनमेंट स्ट्रेटजी से लेकर सभी बिंदुओं पर त्वरित सतर्कता*
प्रशासनिक रूप से इस बात की तैयारी की गई कि कहीं से कोई कोरोना संक्रमण का पॉजिटिव मामला आता है तो उसके आसपास के 3 किलोमीटर के त्रिज्या में (रेडियस में) कर्फ्यू लगाया जाता है। संक्रमण के फैलाव को रोकने और हालात पर काबू पाने के लिए विस्तृत रणनीति तैयार करना (कंटेनमेंट स्ट्रेटजी) भी मॉक ड्रिल में शामिल रहा। सर्वे टीम्स को यथाशीघ्र वैसे स्थानों पर प्रतिनियुक्त करने से लेकर सभी बिंदुओं पर त्वरित सतर्कता देखने को मिली

*मॉक ड्रिल काफी संतुष्टिप्रद*
उपायुक्त ने कहा कि आने वाले दिनों में यदि कोरोना संक्रमण का कोई मामला संज्ञान में आता है तो सिविल, पुलिस प्रशासन और चिकित्सा कर्मियों की पूरी टीम शत-प्रतिशत कुशलता, दक्षता और कर्तव्य परायणता के साथ स्थिति का सामना करेगी। उपायुक्त ने जानकारी दी कि इससे पूर्व भी एक ड्राई रन सदर अस्पताल में किया गया है। कोविड-19 से प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह से समर्पित अस्पताल साउथ ईस्टर्न रेलवे अस्पताल चक्रधरपुर में इस तरह का यह पहला मॉक ड्रिल था। मॉक ड्रिल पूर्णत: वास्तविकता के सदृश था। पदाधिकारियों और चिकित्सकों के द्वारा काफी बेहतर प्रदर्शन किया गया। दूसरे अन्य जो पदाधिकारी हैं जो इसमें काम करने वाले हैं उनको भी एक जानकारी प्राप्त हुई कि यदि कोरोना संक्रमण का कोई मरीज आता है तो उसकी किस तरह से देख-रेख करनी है, क्या करना है और क्या नहीं करना है, क्या सावधानियां अपनानी हैं। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जिला प्रशासन की पूरी टीम शत-प्रतिशत तैयारी के साथ हर समय किसी भी परिस्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया (रिस्पांस) के लिए तैयार रहें।

*ईश्वर करें कि पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना संक्रमण का मामला नहीं आए, लेकिन किसी भी विकटतम परिस्थिति के लिए तैयारी पूरी – उप विकास आयुक्त, आदित्य रंजन*
कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल के वरीय प्रभारी -सह- उप विकास आयुक्त श्री आदित्य रंजन ने कहा कि मॉक ड्रिल करने का उद्देश्य यह है कि कोरोना के संक्रमण से पीड़ित मरीजों के इलाज की तैयारियों में किसी तरह की कमियां होंगी तो उन्हें ससमय उसी अनुसार सुधार लिया जाएगा। उप विकास आयुक्त ने कहा कि कंटेनमेंट प्लान भी तैयार कर लिया गया है। मॉक ड्रिल का प्रयोग काफ़ी सफल रहा। उन्होंने जानकारी दी कि जो भी मरीज़ लाया गया यह समझ कर लाया गया कि वह कोरोना संक्रमण से प्रभावित है। पुलिस और प्रशासन का सहयोग काफ़ी सकारात्मक रहा। उप विकास आयुक्त -सह- कोविड-19 स्पेशलिस्ट अस्पताल, चक्रधरपुर के वरीय प्रभारी ने बताया कि कोविड-19 इलाज के लिए समर्पित अस्पताल की व्यवस्था उच्च गुणवत्ता युक्त है। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य के प्रति समर्पण उच्च कोटि का है। सभी अपने-अपने उपकरणों के साथ समय के पूर्व ही यहां पर उपस्थित थे। उप विकास आयुक्त ने कहा कि ईश्वर करें कि पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना संक्रमण का मामला नहीं आए, लेकिन किसी भी विकटतम परिस्थिति के लिए जिला और पुलिस प्रशासन चिकित्सक तथा स्वास्थ्य कर्मी पूरी तरह से मानसिक रूप से भी तैयार रहें। सभी प्रकार के आवश्यक उपकरणों की जानकारी से लैस होकर पूरी तैयारी के साथ कोरोना संक्रमण का इलाज कर सकें, इससे होने वाले नुकसान को कम से कम कर सकें

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