गीतांजलि एक्सप्रेस को उड़ाने की नक्सलियों की तैयारी खुफिया इनपुट से उड़े आरपीएफ के होश, तिथि भी कर ली है तय

जमशेदपुर,9 अक्टूबर खुफिया इनपुट ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के होश उड़ा दिए हैं। इनपुट के मुताबिक नक्सलियों की गीतांजलि एक्सप्रेस ट्रेन को उड़ाने की योजना है। इनपुट में बजाब्ता योजना को अंजाम देने की जगह और तारीख भी बताई गई है।
इनपुट के बाद दक्षिण-पूर्व रेलवे चक्रधरपुर के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त ने सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन, सीनियर डीईई ऑपरेशन और सीनियर डीओएम को पत्र लिखकर खास कदम उठाने के सुझाव दिए हैं। सुझावों में सभी यात्री ट्रेनों के गुजरने से पहले सिर्फ इंजन या मालगाड़ी चलाने,गैंगमैन की लगातार पेट्रोलिंग और लोको पायलट और सहायक लोगों को पायलट को अलर्ट करने का सुझाव शामिल है।
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महालीमोरूप स्टेशन पर निशाना बनाने की तैयारी

खुफिया इनपुट के मुताबिक सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई, खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी इलाके में सक्रिय 20 महिला-पुरुष नक्सली सीनी और राजखरसावां सेक्शन के महालीमोरूप स्टेशन पर रेल पटरी को उड़ाकर गीतांजलि एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करा सकते हैं। ऐसे में जानमाल का ब?ा नुकसान हो सकता है। गीतांजलि एक्सप्रेस को 8 अक्टूबर से 11 अक्?टूबर के बीच उड़ाने की योजना है और योजना बना रहे नक्सली भाकपा माओवादी संगठन से हैं। नक्सलियों में हुंडरू महाली, रणजीत महाली और साहनी प्रमुख है। तीनों योजना का मास्टरमाइंड हैं।
लोको पायलट संदिग्ध गतिविधियों की तत्काल देंगे सूचना

चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन और सीनियर डीईई ऑपरेशन से आरपीएफ ने आग्रह किया है कि गैंगमैन लगातार रेल ट्रैक की पेट्रोलिंग करें और किसी भी गड़बड़ी की आशंका पर तत्काल आरपीएफ के कंट्रोल रूम, पुलिस, जीआरपी को दें ताकि तत्काल कदम उठाया जा सकें। इसी तरह लोको पायलट और असिस्टेंट लोको भी सकर्त रहेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की आशंका पर सभी स्तरों पर सूचित करेंगे।
ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को नक्सली बना चुके निशाना

28 मई 2010 को हावड़ा-मुंबई रेलखंड पर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में रेल पटरियों में तोडफ़ोड़ कर नक्सली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करा चुके हैं। तब ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरियों से उतर गए थे और उनमें एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी। इसका सूत्रधार नक्सली बापी महतो को माना गया था। ब?ी मशक्कत के बाद बंगाल और झारखंड की पुलिस ने मिलकर उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई थी।

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