आईआईटी मुंबई के शैलेश जे मेहता स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट (एसजेएमएसओएम) के प्रीतम उपाध्याय ने जीती पहली वर्चुअल टाटा क्रूसिबल कैंपस क्विज़ की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ट्रॉफी

जमशेदपुरःभारत की सबसे बड़ी, कैम्पसेस के लिए आयोजित की जाने वाली बिज़नेस क्विज़ टाटा क्रूसिबल कैम्पस क्विज़ को इस वर्ष पहली बार ऑनलाइन आयोजित किया था और यह पूरी प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई। आईआईटी मुंबई के शैलेश जे मेहता स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट (एसजेएमएसओएम) के प्रीतम उपाध्याय टाटा क्रूसिबल कैम्पस क्विज़ के राष्ट्रीय विजेता बने है। उन्हें प्रतिष्ठित टाटा क्रूसिबल ट्रॉफी और 2,50,000* रुपयों के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सबसे पहले वर्चुअल कैम्पस क्विज़ के लिए देश में 24 क्लस्टर्स बनाए गए थे। इन क्लस्टर्स को चार ज़ोन्स में विभाजित किया था – दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और उत्तर। हर क्लस्टर के विजेताओं ने ज़ोनल फाइनल्स में हिस्सा लिया, और ज़ोनल फाइनल्स के चार विजेताओं को राष्ट्रीय फाइनल्स में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया। चार ज़ोनल फाइनल्स के उपविजेताओं के बीच एक वाइल्ड कार्ड फाइनल हुआ और चार उपविजेताओं में से दो को राष्ट्रीय फाइनल्स में हिस्सा लेने का अवसर मिला। आईआईएम बैंगलोर के प्रत्युष गोयल, आईआईटी मुंबई, एसजेएमएसओएम के प्रीतम उपाध्याय, एनएसआईटी दिल्ली के अंकित जैन, आईआईएम शिलॉन्ग के आकाश वर्मा, आईआईएम लखनऊ के हेम मरडिया और सीएनएलयू पटना के मुहम्मद माहताब टाटा क्रूसिबल कैम्पस क्विज़ के राष्ट्रीय फाइनल्स में दाखिल हुए।

इस अवसर पर टाटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भास्कर भट उपस्थित थे। उन्होंने क्विज़ के बारे में कहा, “कोविड और उसके कारण उत्पन्न हुई अनिश्चितता अभी भी बरक़रार है, मुश्किल दौर चल रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसे दौर में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके, लोगों को उनमें शामिल करवाके और उन्हें मनाने से कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति बढ़ती है। यह क्विज़ न केवल भारतीय युवाओं की प्रतिभा को सम्मानित करती है बल्कि लोगों को एकसाथ लाने की प्रौद्योगिकी की शक्ति को भी दर्शाती है। जिज्ञासा लोगों को क्विज़िंग की ओर आकर्षित करती है और टाटा क्रूसिबल क्विज़ में न केवल प्रतिभागियों की बल्कि दर्शकों की जिज्ञासा को भी जागृत रखा जाता है।” विजेताओं का अभिनन्दन करते हुए श्री भट ने बताया, “भारत के प्रति मेरी उम्मीदें हमेशा से ही काफी ज़्यादा रही हैं लेकिन इस क्विज़ को देखने के बाद मेरा विश्वास कई गुना बढ़ा है कि भारत का भविष्य उज्वल है। फिनाले में प्रतिभागियों के बीच मुकाबला बहुत ही कड़ा रहा। टाई-ब्रेकर प्रश्न के बाद विजेता की घोषणा की गयी। इस जीत से काफी खुश और उल्लसित हुए प्रीतम उपाध्याय ने बताया, “खेलों की प्रतियोगिताओं की तरह क्विज़िंग कैलेंडर में टाटा क्रूसिबल क्विज़ को खास स्थान मिला है। हर साल हम इसकी राह देखते रहते हैं। इस साल महामारी के बावजूद इस क्विज़ का आयोजन बहुत ही सही रहा। वर्चुअल प्लेटफार्म होने से सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की गयी, लेकिन क्विज़ की गुणवत्ता के बारे में कोई भी समझौता नहीं किया गया। सभी सह-प्रतिभागी काफी होशियार और तेज़ थे। हम में से कोई भी विजेता बन सकता था, मुझे ख़ुशी है कि मुझे यह सम्मान मिला। नयी सामान्य स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए टाटा क्रूसिबल क्विज़ को कॉर्पोरेट और कैम्पस इन दोनों एडिशन्स में वर्चुअल फॉर्मेट में आयोजित किया गया। इस साल के ऑनलाइन कैम्पस क्विज़ में देश भर के कई क्षेत्रों के छात्रों ने हिस्सा लिया, इस तरह से उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिला। पिकब्रेन गिरी बालसुब्रमण्यम ने अपनी विशेष, अनूठी स्टाइल में फिनाले का संचालन किया, उनके द्वारा पूछे गए विभिन्न विषयों से जुड़े सवालों ने प्रतिभागियों की नीतिक सोच और बौद्धिक क्षमताओं की कड़ी परीक्षा ली।

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