पंजाब के नये सीएम का पेंच इस बार सिद्धू ने फंसाया, सुखजिंदर रंधावा पर राजी नहीं

चंडीगढ, पंजाप के मुख्यमंत्री के मामला फिलहाल उलझा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार पंजाब कांग्रेस में सुखजिंदर सिंह रंधावा (सुक्खी) के नाम पर सहमति बन गई थी। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू उनके नाम पर राजी नहीं हैं। सिद्धू ने खुद को सीएम बनाने का दावा ठोंका था, लेकिन वे पंजाब कांग्रेस के प्रधान हैं, इसलिए हाईकमान ने उनके नाम को हरी झंडी नहीं दी।इसके बाद सिद्धू खेमे ने दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। इसके बाद अब मुख्यमंत्री के लिए कैप्टन सरकार में ही मंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी का नाम सामने आया है। चन्नी भी कैप्टन के खिलाफ बगावत करने वाले ग्रुप में शामिल थे। सिद्धू की तरफ से चन्नी का नाम रखने के पीछे खास वजह है। दरअसल, सिद्धू ऐसा सीएम चाहते हैं जो उनकी बात सुने, लेकिन सुखजिंदर रंधावा का स्वभाव उस तरह का नहीं है।

रंधावा का नाम चला तो वे विधायकों से मिलने पहुंचे
इससे पहले जब माझा इलाके के ब?े नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आया था, तो वे अपने घर से निकलकर विधायक कुलबीर जीरा के घर पहुंच गए। यहां करीब आधे घंटे रुकने के बाद वे निकल गए। नए ष्टरू के तौर पर नाम आने पर रंधावा ने कहा कि नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होने में अभी 2-3 घंटे का समय और लगेगा। इधर, खबर ये भी है कि नए मुख्यमंत्री को आज ही शपथ दिलाई जा सकती है, क्योंकि कल से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है।
पंजाब का ष्टरू तय करने के लिए राहुल गांधी के घर मीटिंग जारी
उधर राहुल गांधी के घर भी मीटिंग चल रही है, जिसमें अंबिका सोनी भी मौजूद हैं। माना जा रहा है कि ये मीटिंग खत्म होने के बाद पंजाब के नए ष्टरू का ऐलान कर दिया जाएगा। दरअसल अंबिका सोनी का नाम भी ष्टरू पद की प्रमुख दावेदार के तौर पर सामने आया था, लेकिन उन्होंने खुद ही ऑफर ठुकरा दिया। साथ ही सलाह दी थी कि पंजाब में cm का चेहरा कोई सिख ही होना चाहिए, नहीं तो पंजाब में कांग्रेस बिखर सकती है।

विधायक बोले- पंजाब सिख स्टेट, cm भी सिख होना चाहिए
मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस के ऑब्जर्वर अजय माकन, हरीश चौधरी और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत नए सिरे से विधायकों का फीडबैक ले रहे थे। उनसे पूछा जा रहा था कि वे किसे मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं? इसी बीच कांग्रेस विधायक परमिंदर पिंकी ने कहा कि पंजाब सिख स्टेट है, इसलिए यहां किसी सिख चेहरे को ही ष्टरू बनाया जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर विधायक जुटने शुरू हो गए थे। अब कांग्रेस के कई बड़े नेता भी उनके घर पहुंचने लगे हैं।

दो डिप्टी cm बनाने का फैसला
पंजाब में नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने के साथ ही दो डिप्टी ष्टरू बनाने का फैसला भी लिया गया है। बताया जा रहा है कि अरुणा चौधरी और भारत भूषण आशु के नाम डिप्टी ष्टरू के लिए तय किए गए हैं। हिंदू नेता भारत भूषण आशु लुधियाना वेस्ट से 2012 और 2017 में विधायक चुने गए थे। वे कैप्टन सरकार में फूड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर भी रहे हैं। इससे पहले वे नगर निगम में पार्षद थे। आशु को फिलहाल पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाख? का करीबी माना जाता है। इससे पहले वे प्रताप सिंह बाजवा के ग्रुप में थे। कैप्टन से उनकी ज्यादा नहीं बनी, लेकिन हाईकमान के दबाव से वो दूसरी बार विधायक बनते ही मंत्री बनने में कामयाब रहे थे।

अरुणा चौधरी गुरदासपुर के दीनानगर से विधायक और दलित नेता हैं। वे कैप्टन सरकार में सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री रही हैं। वे 2002, 2012 और फिर 2017 में दीनानगर से ही विधायक चुनी गई थीं। वे अपने परिवार की तीसरी पी?ी की विधायक हैं। उनके ससुर जय मुनी चौधरी दीनानगर के लगातार 25 साल तक विधायक रहे थे।

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