सहारा सिटी गैंगरेप के तीनों दोषियों इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो और श्रीकांत महतो को 25-25 साल की सजा

जमशेदपुर शहर के चर्चित सहारा सिटी सामूहिक बलात्कार कांड के तीनों दोषी पाए गए इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो और श्रीकांत महतो को शनिवार को एडीजे 5 सह पौक्सो की विशेष अदालत ने 25 25 साल की सजा के साथ-साथ ₹20-20 हजारcका आर्थिक दंड की सजा सुनाई है दंड नहीं देने पर 3-3 साल की अतिरिक्त सजा तीनों दोषियों को काटनी होगी .20-20 हजार रुपये फाइन की रकम में से 7-7 हजार रुपये पीड़िता को और शेष रकम सरकार को दिया जायेगा. चुकी पोक्सो एक्ट की धारा 6 में भी तीनों को दोषी पाया गया था, लेकिन आईपीसी की धारा के तहत तीनों को सजा मुकर्रर की गयी है, इसलिये पोक्सो एक्ट स्वत: स्थिल मान लिया जाता है. कोर्ट ने 17 जनवरी को ही तीनों को दोषी करार दिया था. इसके पहले आज बचाव पक्ष द्वारा दी गयी दलील में कोर्ट से तीनों को यह कहते हुये कम से कम सजा दिये जाने का अनुरोध किया गया था कि यह अपराध उनके लिये सबक है और उन्हें एक मौका सुधरने के लिये दिया जाना चाहिये. उसका बाद अदलात ने अपना फैसला सुनाया. मामले की सुनवाई एडजी-5 संजय कुमार उपाध्याय की अदालत कर रही थी. अभियोजन की ओर से लोकअभियोजक अवधेश सिंह के साथ सूचक की अधिवक्ता ममता सिंह ने पैरवी की.
. तीनों अभियुक्तों इन्द्रपाल सिंह सैनी, शिवकुमार महतो व श्रीकांत महतो को अदालत ने भादवि की धारा 376 डी व पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी पाया है. इस मामले में कोर्ट ने अन्य 22लोगों को कोर्ट ने आरोपी बनाने के आदेश दे दिए हैं. इनमें पुलिस अधिकारी से लेकर रसूखदार तक शामिल हैं.

पहले से ही जेल में दो आरोपी

इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से शिव कुमार महतो व इन्द्रपाल सिंह सैनी जेल में थे, वहीं श्रीकांत महतो को बाद में जमानत मिल गयी थी. मंगलवार को अदालत में दोषी करार देने के बाद ही श्रीकांत महतो को भी हिरासत में ले लिया गया था. इस मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक अवधेश सिंह व सूचक की अधिवक्ता ममता सिंह पैरवी कर रही थीं. ममता सिंह ने सोमवार को ही पीड़ित पक्ष की तरफ से कोर्ट में मजबूत दलील पेश की थी. इस मामले में पीड़िता, उसकी बहन, मां, पीड़िता के मालिक (जहां वह नौकरानी का काम करती थी), मालकिन समेत कुल 12 लोगों की गवाही दर्ज की गयी है. बचाव पक्ष की ओर से भी कई अधिवक्ता मौजूद थे.

बता दें कि इस मामले में जिले के पूर्व डीएसपी अजय केरकेट्‌टा व इंस्पेक्टर इमदाद अंसारी, गुड्डू गुप्ता समेत 22 लोगों को कोर्ट ने पहले ही आरोपी बनाने के आदेश दिए हैं जिसका पुलिस अनुसंधान चल रहा है. डीएसपी अजय केरकेट्‌टा व इम्दाद अंसारी की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट का स्टे है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत एडीजे पांच संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने मंगलवार को इस हाई प्रोफाईल और चर्चित मामले में अपना फैसला सुनाते हुए तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था. आज सज़ा सुना दी.

यह था मामला

मानगो की एक सोसाइटी में रहनेवाले नानक सेठ की नौकरानी को डरा धमकाकर आरोपियों ने अपनी हवस का शिकार बनाया था. इस दौरान उसे कई जगहों पर ले जाकर देह व्यापार करवाया गया, जिसमें कथित तौर पर शहर की बड़ी बड़ी हस्तियां शामिल रहीं. यहां तक कि एमजीएम थाना के कमरे में भी बलात्कार किए जाने के आरोप पीड़िता ने लगाए. तत्कालीन एमजीएम थानेदार इम्दाद अंसारी व डीएसपी अजय केरकेट्टा पर भी उसके साथ बलात्कार किये जाने के आरोप लगे हैं. 18 जनवरी 2018 को इस चर्चित मामले में मानगो थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. हैरानी की बात थी कि तीन साधारण आरोपियों की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर रही थी और जब मीडिया में खबर के सुर्खियों में आने के बाद दबाव पड़ा तब जाकर पुलिस ने इंद्रपाल सैनी, शिवकुमार महतो और श्रीकांत महतो की गिरफ्तारी की. जब पीड़िता से पूछताछ हुई तब एमजीएम थाने में थाना प्रभारी और डीएसपी द्वारा दुष्कर्म के आरोप सामने आए जिसे सुनकर पूरा शहर सन्न रह गया था. मामले में पीड़िता ने तत्कालीन थाना प्रभारी इम्दाद अंसारी, डीएसपी अजय केरकेट्टा, गुड्डू गुप्ता समेत 22लोगों पर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप लगाए थे. हालांकि केस तीन लोगों के ही खिलाफ हुआ था जिसको लेकर पीड़िता के सरंक्षक सह मालिक नानक सेठ कहते हैं कि शहर के चर्चित लोगों और पुलिस पदाधिकारियों के नाम की वजह से प्राथमिकी दर्ज कराना भी दुरूह हो चला था. लेकिन पूछताछ में हुए खुलासे के बाद कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखने के बाद कोर्ट ने अन्य 22लोगों के खिलाफ संज्ञान लेते हुए आरोपी बनाने के आदेश दे दिए थे जिस पर पुलिस अनुसंधान चल रहा है.
पीड़िता की मां ने हाई कोर्ट में सीबीआई जांच की गुहार लगाई है जो पिछले कुछ साल से हाई कोर्ट में लंबित है. इस मामले में तत्कालीन सीएम रघुवर दास के आदेश पर सीआईडी जांच भी हुई जिसके अधिकारियों को हाई कोर्ट ने तलब भी किया. हालांकि पहले पुलिस और फिर सीआईडी पर मामले की लीपापोती के आरोप लगे. वहीं कोर्ट के फैसले से पीड़ित पक्ष ने संतोष जाहिर किया है.

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