मुकुल रॉय व उनके बेटे शुभ्रांशु तृणमूल में हुए शामिल,अभिषेक ने कराई मुकुल रॉय की वापसी; ममता बोलीं- मुकुल ने गद्दारी नहीं की, जिन्होंने की, उन्हें वापस नहीं लेंगे

कोलकाता

मुकुल रॉय और उनके बेटे शुभ्रांग्शु की तृणमूल में वापसी हो गई है और इसी के साथ शुरू होगा उन लोगों के भी तृणमूल में लौटने का दौर, जो चुनाव से पहले खेमा बदल चुके थे। हालांकि, ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि जिन्होंने गद्दारी की है, उनके लिए तृणमूल में कोई जगह नहीं है। मुकल रॉय ने वापसी पर कहा कि जो हालात अभी भाजपा में हैं, उनमें वहां कोई नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि घर वापस आकर अच्छा लग रहा है।
ममता ने दिए 2 संकेत
पहला- जिस भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भाजपा हमलावर हुई, घोटाले के आरोप लगाए, उसके हाथों ही मुकुल की घर वापसी हुई है। ममता ने संकेत दिया कि तृणमूल में दबदबा अभिषेक का ही रहेगा।
दूसरा- ममता ने खुद के कद को बड़ा करने की कोशिश की है। नाराज चल रहे मुकुल रॉय से मोदी ने 10 मिनट फोन पर बात की थी। पर ममता उन्हें मनाने के लिए न तो खुद गईं और न फोन किया। हां, भतीजे को भेजा। मंच पर भी ममता बैठी रहीं, अभिषेक के हाथों मुकुल की घर वापसी कराई।
मोदी से बातचीत के बावजूद मुकुल तृणमूल में लौटे
मुकुल की घर वापसी के कयास तभी शुरू हो गए थे, जब वे भाजपा की बैठकों से किनारा करने लगे थे, लेकिन कारण बताया था पत्नी की तबीयत का। अभिषेक बनर्जी अस्पताल में मुकुल की पत्नी का हालचाल लेने पहुंचे थे। तभी कहा जाने लगा कि मुकुल तृणमूल में लौटेंगे। मुकुल की नाराजगी को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पत्नी का हालचाल लेने के जरिए ही उनसे फोन पर करीब 10 मिनट बातचीत की थी, लेकिन 3 जून को हुई इस बातचीत के 7 दिन बाद मुकल ने फाइनली यही फैसला किया कि वे तृणमूल में वापस लौटेंगे।

2-3 दिन पहले ही ले लिया था दीदी से अपॉइंटमेंट

नवंबर 2017 में TMC छोड़कर BJP जॉइन करने वाले मुकुल रॉय अभी BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही उन्होंने पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। भास्कर को विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि उन्होंने दो-तीन दिन पहले ही दीदी से मिलने के लिए अपॉइंमेंट ले लिया था। वहीं उनके बेटे शुभ्रांग्शु ने भी कुछ दिनों पहले अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए BJP को निशाने पर लिया था।
मुकुल रॉय को BJP ने कृष्णनगर उत्तर सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। उन्होंने TMC की उम्मीदवार कौशानी मुखर्जी को 35 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्शु रॉय को भी BJP ने टिकट दिया था, लेकिन वे हार गए।
मुकुल की नाराजगी की वजह भाजपा में शुभेंदु का कद
TMC के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि मुकुल रॉय को BJP ने उचित सम्मान नहीं दिया इसलिए वे दोबारा TMC में वापसी कर रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी का कद जिस तेजी से BJP में बढ़ा है, वैसा सम्मान मुकुल को नहीं मिला। ये भी उनकी बेचैनी की एक वजह है, जबकि TMC में मुकुल रॉय का कद कभी नंबर-2 का हुआ करता था।
राजीव बनर्जी भी दौड़ में, दीदी सभी को शामिल करने के मूड में नहीं
मुकुल रॉय के अलावा BJP के करीब 33 विधायक-सांसद ऐसे हैं, जो दोबारा TMC में शामिल होना चाहते हैं। इनमें राजीव बनर्जी, सोवन चटर्जी, सरला मुर्मु, पूर्व विधायक सोनाली गुहा और फुटबॉलर से राजनेता बने दीपेंदू विश्वास जैसे नेता शामिल हैं।

हालांकि TMC के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दीदी सभी को शामिल करने के मूड में नहीं हैं, क्योंकि इससे पार्टी में असंतोष बढ़ेगा। पार्टी के एक धड़े का मानना है कि जिन्होंने चुनाव के पहले गद्दारी की, अब उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

BJP में जाने के पहले तक राजीव बनर्जी भी ममता के खास रहे हैं और TMC के टिकट पर जीतते रहे हैं, लेकिन BJP में आने के बाद वे चुनाव हार गए। TMC का एक धड़ा चाहता है कि जो हारने के बाद वापस आना चाहते हैं, उन्हें तो बिल्कुल ही नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि ममता बनर्जी ने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।

मुकुल ने ही BJP को पंचायत चुनाव में दिलाई थी जीत
मुकुल रॉय के चुनावी प्रबंधन का ही कमाल था कि BJP ने 2018 में हुए पंचायत चुनाव में कई सीटों पर अच्छा परफॉर्म किया था। इसके बाद लोकसभा में पार्टी ने 18 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया था। इसके पीछे भी मुकुल रॉय का बड़ा रोल रहा। TMC में वे जब तक रहे, उन्होंने पर्दे के पीछे से ही चुनावी रणनीति बनाने का काम किया। दीदी के साथ वे शुरुआत से जुड़े थे।

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