एमजीएम पार्किंग टेन्डर हुआ मैनेज, सरकार के राजस्व में हो सकती थी वृद्धि

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Jamshedpur. सोमवार को जेएनएसी से एमजीएम अस्पताल की पार्किंग के लिए जो टेंडर निकाला गया था उसकी कीमत डेढ लाख रूपये रखी गई थी, लेकिन बताया जाता है कि ठेकेदारों को बोली ही नहीं लगाने दी गयी. चेहते ठेकादारों ने 45-45 हजार रूपये देकर 10 निविदा दाताओं को बैठा दिया और 1.60 लाख में ही टेंडर दे दिया गया. विश्वनीय सूत्र बताते हैं कि जिस फार्म को टेंडर मिला उसने एक महुआ शराब विक्रेता को पार्किंग संचालन का काम कथित रूप से सौंप दिया है. जानकर बताते हैं कि अगर ईमानदारी से बोली होती तो आठ लाख तक की बोली पार्किंग के लिए लग सकती थी जिससे सरकार को ज्यादा राजस्व प्राप्त होता.

टेंडर में 11 ठेकेदारों ने लिया था भाग

सूत्रों के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया में 11 ठेकेदार भाग लेने के लिए आए थे. इनमें कांग्रेस नेता शिबू सिंह के तीन फर्म, संजय ठाकुर, शशि कुमार, संदीप पांडे, बलराम मिश्रा, श्याम सिंह, एनएस कंस्ट्रक्शन, गुड्डू सिंह शामिल हैं. इन्हें बोली लगाने का मौका ही नहीं दिया गया. विभाग के दिग्गज ठेकेदारों ने किसी को बोली लगाने का मौका ही नहीं दिया और 45-45 हजार देकर दस ठेकेदारों का मुंह बंद कर दिया गया. नाम नहीं छापने की शर्त पर दो ठेकेदारों ने *चमकता आईना * को इसका खुलासा किया.
सिटी मैनेजर रवि भारती ने दावा किया कि टेंडर किसी को यूं ही नहीं दिया गया है. टेंडर प्रक्रिया को नियम के तहत पूरा किया गया है. अगर ऐसा होता तो कदमा का टेंडर भी किसी को दिया जा सकता था.
सूत्र बताते हैं कि अगर टेंडर प्रक्रिया का पालन किया गया होता तो पहली डाक 1.58 लाख नियम के तहत कभी भी नहीं जाती. बताया जाता है कि कदमा के टेंडर में वहां छोटी पार्किंग होने के कारण किसी भी चहेते ठेकेदार ने इसमें रुचि ही नहीं ली थी.
स्पेशल ऑफिसर संजय कुमार ने दावा किया कि
एमजीएम पार्किंग टेंडर में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. ठेकेदार ने बोली लगाई थी, तभी 1.58 लाख का रेट गया है. जिसने भी य़ह जानकारी दी है वह बिल्कुल गलत है.

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