Chandil Dam : MP संजय सेठ ने उठाया ज्वलंत मुद्दा:सफेद हाथी बनी योजना,12 हज़ार परिवार सड़क पर, इतने ही हुए बेकार, जमीन देकर ग्रामीण पड़े हैं ठगे से

Chandil Dam : MP संजय सेठ ने उठाया ज्वलंत मुद्दा:सफेद हाथी बनी योजना,12 हज़ार परिवार सड़क पर, इतने ही हुए बेकार, जमीन देकर ग्रामीण पड़े हैं ठगे से

चांडिल : MP संजय सेठ ने LOK Sabha में चांडिल डैम का अब तक उपयोग नहीं होने एवं वहां के विस्थापितों का मुद्दा सदन में उठाया। सांसद सेठ ने कहा 38 साल पूर्व Ichagarh विधानसभा के अंतर्गत स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के तहत स्वर्ण रेखा नदी पर बांध का निर्माण किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था, घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए जल आपूर्ति, जल विद्युत उत्पादन एवं बाढ़ नियंत्रण,आदि उद्देश्य को लेकर किया गया था। यह बांध 43000 एकड़ में फैला हुआ है। इस डैम के निर्माण में लगभग 116 गांव विस्थापित हुए परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस उद्देश से इस बांध का निर्माण किया गया वह अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस बांध के निर्माण के बाद 19115 परिवार विस्थापित हुए 22 पुनर्वास स्थल बनें परंतु अब तक उन्हें पट्टा तक नहीं मिला ।12321 परिवार अभी तक पुनर्वास की प्रतीक्षा में हैं। 14हज़ार लोगों को नौकरी देने की बात कही गई थी परंतु महज 1120 लोगों को ही नौकरी मिल पाई है। शेष लोग अब तक प्रतीक्षा ही कर रहे हैं। यह बांध 185 मीटर ऊंचा है ।सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी ऊंचाई से जो गांव प्रभावित होंगे उन गांव का नाम ही प्रभावित की सूची में नहीं है। उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय से आग्रह किया योजना बनाकर इस बांध को उपयोगी बनाया जाए ताकि मेरे क्षेत्र के किसानों को पाइपलाइन द्वारा सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हो सके, बिजली का उत्पादन हो सके, और उद्देश्यों के अनुरूप जल का वितरण किया जा सके। बांध के निर्माण के 38 साल बाद भी इसका उपयोग जनहित में नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया इस क्षेत्र में सकरात्मक पहल की जाय।

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