कांग्रेस पर भड़के लालू यादव, भक्त चरण दास को भकचोन्हर कहा: पूछा- कांग्रेस को हारने के लिए सीट दें?

पटना
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बिहार के सियासी हालात और कांग्रेस से गठबंधन टूटने की खबरों पर खुलकर अपनी बात रखी। लालू यादव ने कहा कि ‘क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन, हारने के लिए उसको दे देते हम। जमानत जब्त कराने के लिए।’ वहीं भक्तचरण दास के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए आरजेडी मुखिया ने उन्हें ‘भकचोन्हर दास’ कहा है।
लालू प्रसाद ने यह दास के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जिसमें कहा था कि राजद का भाजपा के साथ गठबंधन हो गया है। भकचोन्हर का मतलब स्टूपिड या मूर्ख होता है। लालू रविवार को दिल्ली में मीडिया से बात कर रहे थे। कांग्रेस से गठबंधन टूटने के सवाल पर लालू ने कहा कि क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन? क्या हम हारने के लिए कांग्रेस को सीट दे देते? जमानत जब्त कराने के लिए?
लालू का बयान कन्हैया को जवाब
लालू प्रसाद का भक्त चरण दास को भकचोन्हर कहना असल में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को जवाब है। बिहार में राजद-कांग्रेस के बीच गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास पर राजद की ओर से लगातार हल्ला बोला जा रहा है। 22 अक्टूबर को कन्हैया कुमार जब कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम पहुंचे थे, तब उन्होंने भक्त चरण दास पर बयान देने वाले राजद नेता मनोज झा पर जबानी हमला किया था।
कन्हैया ने कहा था कि पढ़ा-लिखा नेता लठैत की भाषा बोलता है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास के बारे में बोलता है। अगर ये नहीं होते जो हमारे जैसे और जिग्नेश जैसे लोग कांग्रेस में नहीं होते। जो प्रवक्ता भक्त चरण दास के बारे में बोल रहे हैं वे अपने आका से पूछ लीजिएगा ड्राइंग रूम में कि भक्त चरण दास कौन हैं?
आज राजद के ‘आका’ लालू प्रसाद ने कन्हैया कुमार की इसी बात का जवाब देते हुए भक्त चरण दास को भकचोन्हर कह दिया है। इससे पहले मनोज झा ने दिल्ली में कहा था कि भक्त चरण दास अपनी समझ बढ़ाएं। हमारी कुर्बानी न भूलें। भक्त चरण दास को न तो बिहार की समझ है, न बिहार की राजनीतिक-सामाजिक परिस्थितियों की समझ है और ना ही राजद के संघर्षों की। वे कांग्रेस की लुटिया डुबो देंगे।

लालू के बयान पर कांग्रेस ने क्या कहा
लालू आज रविवार की शाम पटना आने वाले हैं। लालू प्रसाद के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल शर्मा ने कहा कि यह जो मनःस्थिति है, लालू प्रसाद की उसी वजह से लोकप्रिय रहने के बावजूद वे प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। कहा कि चंद्रशेखर जब प्रधानमंत्री थे, तब भक्त चरण दास उनके कार्यालय मंत्री रह चुके हैं। जयप्रकाश नारायण द्वारा गठित छात्र संघर्ष वाहिनी के राष्ट्रीय संयोजक भी वे थे।

अनिल शर्मा ने कहा कि बिहार के उपचुनाव में तो लालू प्रसाद को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा। आगे आने वाले चुनाव में भी भुगतना पड़ेगा। कहा कि अपने जीवन काल में लालू प्रसाद अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का सपना पूरा नहीं कर पाएंगे। भक्त चरण दास के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना लालू प्रसाद के मानसिक दिवालीयेपन का प्रतीक है।

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