जहांगीरपुरी में ढाई घंटे चली कार्रवाई-एमसीडी के बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का ब्रेक

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज जहांगीरपुरी में ढाई घंटे चली बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी गई। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आज सुबह 10 बजे अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया था। एक के बाद एक अवैध तरीके से बनाई गई दीवारों, दुकानों और एक मस्जिद के गेट को भी तोड़ दिया गया। करीब डेढ़ घंटे की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया, लेकिन तोड़फोड़ की कार्रवाई 12 बजे के बाद भी जारी रही। सुप्रीम कोर्ट में फिर से जिक्र हुआ और आदेश की कॉपी NDMC के मेयर के साथ ही दिल्ली के पुलिस आयुक्त तक पहुंचाई गई और तब जाकर 12.30 बजे बुलडोजर खामोश हुआ। अब देशभर के लोगों की नजरें सुप्रीम कोर्ट की कल होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। आइए जानते हैं कि जहांगीरपुरी में बुलडोजर की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने वाली टीम में कौन-कौन लोग शामिल हैं और आज कैसे बुलडोजर रोका गया।
हिंदुस्तान का कानून यह कहता है कि किसी ने अगर पत्थरबाजी की भी हो तो किसी का घर नहीं गिरा सकते, उसे सजा दे सकते हैं। दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2 बजे से बुलडोजर चलने थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो सुबह 9 बजे ही कार्रवाई शुरू कर दी। चीफ जस्टिस ने कहा है कि हम इस याचिका पर कल सुनवाई करेंगे तब तक यथास्थिति बनाई जाए…. सारा कुछ मीडिया में आ गया फिर भी बुलडोजर चलते रहे।
प्रशांत भूषण, वरिष्ठ वकील

कपिल सिब्बल और दुष्यंत दवे ने कोर्ट में रखा पक्ष
कांग्रेस के दिग्गज नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा। वे जमीयत उलेमा-ए हिंद की तरफ से कोर्ट में पेश हुए। आज चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने दलील रखी। उन्होंने कहा कि आपकी ओर से फौरन हस्तक्षेप की जरूरत है। जहांगीरपुरी इलाके में पूरी तरह से असंवैधानिक और गैरकानूनी विध्वंस की कार्रवाई का आदेश दिया गया है। दवे ने कहा कि कोई नोटिस नहीं दिया गया। CJI ने यथास्थिति का आदेश देते हुए कल उचित पीठ के समक्ष सुनवाई की बात कही। इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी चीफ जस्टिस से कहा कि एक और याचिका पूरे देश को लेकर है, उसे साथ में शामिल कर लिया जाए। CJI ने इसे स्वीकार कर लिया। दुष्यंत दवे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने तीन कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए दायर की गई याचिकाओं में किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्व किया था।

वृंदा कारत आदेश की कॉपी लेकर दौड़ीं
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने करीब 11 बजे ही यथास्थिति बनाए जाने का आदेश दे दिया था लेकिन जहांगीरपुरी में बुलडोजर 12.30 बजे तक गरजता रहा। 12 बजे के बाद एक तरफ फिर से सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर का जिक्र हुआ तो दूसरी तरफ माकपा नेता वृंदा कारत कोर्ट का आदेश लेकर जहांगीरपुरी पहुंच गईं। उन्होंने विशेष पुलिस आयुक्‍त दीपेंद्र पाठक को अपने मोबाइल में ही आदेश की कॉपी दिखाई। उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता दवे ने एक बार फिर चीफ जस्टिस के समक्ष मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बुलडोजर नहीं रुके हैं। दवे ने कहा, ‘वे कह रहे हैं कि उनके पास ऑर्डर नहीं पहुंचा है। कृपया निर्देश पहुंचाने के लिए महासचिव को कहिए।’ इस पर CJI ने अपने महासचिव को निर्देश दिया कि वह NDMC के मेयर और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को तत्काल सूचना दें कि हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में विध्वंस की कार्रवाई रोक दी जाए।

अदालत राज्यों को आदेश दे कि कोर्ट की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकान को ध्वस्त ना किया जाए। उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की राजनीति पहले से ही चल रही है और अब दूसरे राज्यों में भी शुरू हो गई है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी

उधर, वृंदा कारत ने जहांगीरपुरी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 10:45 पर अतिक्रमण विरोधी अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। लेकिन बुलडोजर यहां कानून की धज्जियां उड़ा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है, मैं उसे रोकने यहां आई हूं। कुछ देर में NDMC तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी पहुंच चुकी थी। इसके बाद वृंदा ने कहा कि जहांगीरपुरी के लोगों से मैं इतना ही कहूंगी कि सभी लोग सद्भाव और शांति बनाए रखें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यहां बुलडोजर रुक चुका है। सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार करें।

राम मंदिर को रोकने वाले आज जहांगीरपुरी में दंगाइयों को बचाने और अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता,

प्रशांत भूषण, संजय हेगड़े भी साथ
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट जाने वाली टीम में प्रशांत भूषण और संजय हेगड़े भी शामिल थे। प्रशांत भूषण देश के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, वह भी अरविंद केजरीवाल के साथ टीम अन्ना में शामिल थे। बाद में कुछ समय आम आदमी पार्टी में रहे। संजय हेगड़े शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान वार्ताकारों की टीम में शामिल थे।

कपिल मिश्रा बोले, अंसार जैसे लोग कितने पावरफुल!
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘देश में बांग्लादेशी घुसपैठिए, अंसार जैसे लोग कितने पावरफुल। रात को बुलडोजर का ऑर्डर और सुबह कपिल सिब्बल, दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, संजय हेगड़े सब सुप्रीम कोर्ट में। आतंकवादियों का केस लड़ने वाली जमीयत उलेमा ए हिंद साथ में… रोक का ऑर्डर 5 मिनट में।’

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