महामारी में मुनाफाखोरी : अस्पतालों में किल्लत क्या हुई, ‘ऑक्सीजन’ के नाम वाली कंपनियों में पैसा लगाने के लिए निवेशकों में लगी होड़


नई दिल्ली : देश के कई राज्यों के अस्पतालों में जीवन रक्षक गैस ‘ऑक्सीजन’ की भारी कमी है. ऐसे में, चौंकाने वाली दिलचस्प खबर यह भी है कि घरेलू शेयर बाजार में ‘ऑक्सीजन’ के नाम से मिलते-जुलते नाम वाली कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों में होड़ सी लगी हुई है. आलम यह कि ऐसी कंपनियों के शेयरों में रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया गया.
मजे की बात यह है कि निवेशकों की लिस्ट में टॉप पर चलने वाली ‘ऑक्सीजन’ नाम की कई कंपनियों का इसके कारोबार से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है, लेकिन निवेशक हैं कि उनमें आंख मूंद कर पैसा लगा रहे हैं. ऐसी ही कंपनियों में एक कंपनी है बॉम्बे ऑक्सीजन. बीएसई में इस कंपनी का शेयर ऊपरी सर्किट सीमा 24,574.85 रुपये तक पहुंच गया.
जब निवेशकों को इस बात की जानकारी मिली कि बॉम्बे ऑक्सीजन का जीवन रक्षक गैस के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है, तो उसका शेयर टूटकर 23,346.15 पर आ गया. ऑक्सीजन के शेयर में बीते कुछ दिनों के दौरान जोरदार उछाल दर्ज किया गया. मार्च के अंत तक इस कंपनी के एक शेयर की कीमत 10 हजार रुपये से बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो गया.
बॉम्बे ऑक्सीजन की आधिकारिक वेबसाइट पर यह साफ किया गया है कि उसकी स्थापना 3 अक्टूबर 1960 को हुआ था. शुरुआत में इसका नाम बॉम्बे ऑक्सीजन कॉरपोरेशन था, लेकिन 3 अक्टूबर 2018 से कंपनी का नाम बदलकर बॉम्बे इन्वेस्टमेंट लिमिटेड कर दिया गया था. इस कंपनी का मुख्य कारोबार औद्योगिक गैस के निर्माण और उसकी आपूर्ति करने का था, जिसे 1 अगस्त 2019 से बंद कर दिया गया.
बाजार विशेषज्ञों की मानें, तो गलतफहमी में निवेशकों ने ‘ऑक्सीजन’ नाम की कंपनियों में निवेश करना शुरू कर दिया. हालांकि, इन कंपनियों में से कुछ कंपनियां सही मायने में जीवन रक्षक गैस का उत्पादन करती हैं. इन कंपनियों में नेशनल ऑक्सीजन लिमिटेड भी शामिल है, जो इसका उत्पादन करती है. उनका कहना है कि ऑक्सीजन कारोबार से जुड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे में बेहद शानदार रहा है. उनके इस नतीजे का भी निवेशकों की अवधारणा पर जोरदार असर पड़ा है. निवेशक इन कंपनियों के शेयर में खूब निवेश कर रहे हैं.

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