कृषि कानून को को रद्द करने की अर्जी 11 तक टली

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा- स्थिति में कोई सुधार नहीं, किसानों की हालत समझते हैं
नई दिल्ली 6 जनवरी
कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच कृषि कानू रद्द करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 11 जनवरी तक टल गई। जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। साथ ही कहा कि हम किसानों की हालत समझते हैं।
कोर्ट ने कहा- बातचीत जारी रखें
कृषि कानून रद्द करने की अर्जी एक वकील ने लगाई है। केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल और अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘किसानों से अच्छे माहौल में बातचीत हो रही है। हो सकता है कि आने वाले समय में कोई नतीजा निकल आए, इसलिए फिलहाल सुनवाई करना ठीक नहीं होगा।’ कोर्ट ने इस बात को मान लिया और सुनवाई सोमवार तक टाल दी। साथ ही कहा कि किसानों से बातचीत जारी रखें।

किसान 7 को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
किसानों ने खराब मौसम की वजह से 6 जनवरी की बजाय 7 जनवरी को यानी कल दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह मार्च 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का ट्रायल होगा।
250 महिलाएं करेंगी 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की अगुवाई
सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वे दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा की महिलाएं करेंगी। वे किस तरह रैली को अंजाम देंगी, ये भी सोच लिया है। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।

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