सम्पादकीय-पंजाब की घटना पर चुप्पी मॉब लिंचिंग की पैरवी

पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की दो घटनाओं के बाद दोनो आरोपियों की पीट पीट कर की गयी हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। पंजाब में बेअदबी की घटनाएं पहले भी हुई हैं लेकिन दोनों ताजा घटनाओं के बाद चिंता इसलिए बढ़ गई है कि दोनों घटनाओं में भीड़ ने वहीं खुद इंसाफ कर दिया। पंजाब में कुछ दिनों के बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं । ं पंजाब में इस मुद्दे पर सरकार से लेकर विपक्षी दल तक खामोश बैठे हैं। उनकी चुप्पी को मॉब लिंचिंग की पैरवी के रूप में देखा जा रहा है। हर कोई बेअदबी की घटना पर ंिचंता जता रहा है। लेकिन जिन दो लोगों की पीट पीट कर हत्या की गई उन पर सबके मुंह सिले हुए हैं । कोई कुछ नहीं कह रहा। विपक्ष के भी मुंह बंद हैं। टीवी चैनलों के प्राइम टाइम पर इसे लेकर सिर फुट्टौव्वल नहीं हो रही। कांग्रेस नेता मनु सिंघवी ने जरूर यह सवाल उठा कर इस मुद्दे से मुद्दा बनाने का प्रयास किया है कि आखिर भीड़ ही फैसला करने लगी .बेअदबी भयानक है, लेकिन एक सभ्य देश में मॉब लिंचिंग भी भयानक है । कुछ अरसा पहले देश के अलग-अलग क्षेत्रों में बच्चा चोरी के नाम पर या कुछ अन्य घटनाओं को लेकर मॉब लिंचिंग हुई थी तो इसे धर्म से जोडक़र काफी हंगामा किया। उस दौरान हर कोई लोगों की इस तालीबानी मनोवृति पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा था । धर्म के नाम पर लोगों की पीट पीट कर हत्या किये जाने पर शोर मचा रहा था। आज वे सारे लोग चुप हैं ।यही मनोवृति बड़ी चिंता का कारण बन जाता है। हत्या की घटनाओं पर भी लोग सेलेक्टिव होकर टीका टिप्पणी करते हैं। प्रतिक्रियाएं देते हैं। ऐसा लग रहा है मानो पंजाब की इन दोनों घटनाओं में दिए गए इंसाफ को पूरे देश ने स्वीकार कर लिया। पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का बयान है’बेअदबी करने वालों को सबके सामने फांसी पर लटका देना चाहिए। यह एक कौम को दबाने और खत्म करने की साजिश है। हमारी जड़ों को दीमक लगाने की साजिश है। पंजाब में आपसी भाईचारे और पंजाबियत को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।’आप भले ही इस बयान को पढ़कर चौंक रहे होंगे और इसे तालिबानी सोच करार दे रहे होंगे, लेकिन पंजाब के ज्यादातर लोग और राजनीतिक दल इन्हीं भावनाओं के साथ खड़े दिखाई देते हैं।
दूसरे दिन कपूरथला की घटना और भी चिंताजनक है। जिला के एसएसपी ने प्रेस को बताया कि आरोपी बेअदबी करने नहीं बल्कि चोरी के उद्देश्य से पहुंचा था भीड़ ने उसे पकड़ लिया बे भीड़ को समझाते रहे मगर पुलिस के सामने ही उस आरोपी की पीट पीट कर हत्या कर दी गई गुरुद्वारे से ऐलान किया गया कि लोग हरवे हथियार देकर आए और पापी का अंत करें फिर वही हुआ. पुलिस ने इस घटना में और कुछ आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की प्रेस में जानकारी दी तो उसे ऐसा करने से रोक दिया गया।पंजाब के नेता सिर्फ बेअदबी का ही मुद्दा उठा रहे हैं। बेअदबी करने वालों को भीड़ के मारने पर कांग्रेस सरकार कुछ भी नहीं कह रही है। पंजाब के उपमुख्य मंत्री सुखजिंदर रंधावा,जिनकेजिम्मे गृह मंत्रालय है, ने भी इसे भीड़ की भावना बताया। वहीं अकाली दल से लेकर आम आदमी पार्टी तक बेअदबी के मामले के बहाने कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। कोई भी नेता भीड़ के ऑन द स्पॉट आरोपी को कत्ल करने के बारे में कुछ नहीं कह रहा है।कांग्रेस नेता सिंघवी के बयान पर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी उन्होंने सवाल यह उठाया है कि बेअदबी करने वाले को मारने की नौबत क्यों आई? जब कानून बेअदबी करने वाले दोषियों को सजा नहीं दे पाया। ऐसे में सिख समाज क्या करता? अदालतों में मामले कितने दिनों तक चलते हैं, सभीको पता है। फिर तो न्याय में बिलंब होने पर हर कोई खुद सजा तय करने लगेगा।

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