घर पर ही ठीक हो सकते हैं 90% मरीज, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कब जरूरत? “घबराने की जरूरत नहीं”: AIIMS प्रमुख और शीर्ष डॉक्टरों ने कोरोना संकट पर दूर किए संदेह

नयी दिल्ली : कोरोना से संक्रमित सभी मरीजों को न तो ऑक्सीजन की जरूरत है और न ही अस्पताल में भर्ती होने की. चिकित्सक की सलाह अपनाते हुए और कुछ दवाइयों का सेवन कर घर पर रहकर भी अधिकतर लोग ठीक हो सकते हैं. ये भारत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कही. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर को जादुई गोली नहीं है. यह केवल अस्पताल में भर्ती गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर ही इस्तेमाल होनी चाहिए.
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोनावायरस को लेकर देश भर में पैनिक (घबड़ाहट) पैदा करने की जरूरत नहीं है. कोरोनावायरस से जुड़ी एक ऑनलाइन कान्फ्रेंस में रविवार को गुलेरिया ने ये बात कही. उनके साथ मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन, एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर डॉ. नवीत विग और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार भी इस परिचर्चा में शामिल थे. AIIMS निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में 10-15 फीसदी लोग ही हैं, जिन्हें गंभीर संक्रमण होता है और जिन्हें रेमडेसिविर, ऑक्सीजन या प्लाज्मा की जरूरत पड़ सकती है.
डॉ. गुलेरिया ने कहा, अगर हम कोरोना की मौजूदा स्थिति की बात करें तो जनता में घबराहट का आलम है,लोग अपने घरों में इंजेक्शन रख रहे हैं, रेमडेसिविर इंजेक्शन जमा कर रहे हैं और ऑक्सीजन सिलेंडर जुटा रहे हैं. इस कारण आपूर्ति का संकट पैदा हो गया है और एक अनावश्यक अफरा-तफरी का माहौल पैदा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, कोविड-19 का संक्रमण एक सामान्य इन्फेक्शन है. 85 से 90 फीसदी लोगों में बुखार, जुकाम, शरीर में दर्द, खांसी जैसे मामूली लक्षण सामने आते हैं. ऐसे मामलों में रेमडेसेविर या अन्य लंबी
चौड़ी तादाद में दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती. आप ऐसे सामान्य संक्रमण के लिए दवाएं ले सकते हैं या घरेलू औषधि और योग के जरिये अपना इलाज कर सकते हैं. इससे आप सात से 10 दिन के भीतर ठीक हो सकते हैं. आपको घर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन या ऑक्सीजन रखने की जरूरत कतई नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सभी मरीजों को ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं है. कुछ प्राणायाम और पेट के बल लेटकर अपना ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने चिकित्सकों और आम लोगों से
अपील की है कि घबराएं नहीं. घबराहट में ऑक्सीजन और दवाओं को बर्बाद न करें. जिन्हें उसकी ज्यादा जरूरत है, उन्हें ही दी जानी चाहिए. डॉ गुलेरिया के साथ समाचार एजेंसी एएनआई के फेसबुक पेज पर हो रही चर्चा में मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष डॉ नरेश त्रेहन, एम्स के प्रोफेसर डॉ नवीत विग और स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ सुनील कुमार भी मौजूद थे.

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