कोयला रैक से होने वाला प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर , विभाग के नियमों की हो रही है अनदेखी

दुमका , दुमका रेलवे स्टेशन पर बने कोयला रैक से होने वाला प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। कोयला डंपिंग और लोडिंग और अनलोडिंग में नियमों को दरकिनार कर कार्य किया जा रहा है जिसके कारण कोयला रैक के आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ रहा है। आसपास के ग्रामीण प्रदुषण से परेशान तो है ही उसपर भी पूर्व रेलवे के जीएम के बयान ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है। इधर प्रदूषण विभाग द्वारा जो गाइड लाइन रेलवे को दिया गया है उस पर कोयला रैक कंपनी द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है जिससे कोयला डस्ट से प्रदुषण फैल रहा है। इस संबंध में झारखंड राज्य प्रदुषण विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी कमला कांत पाठक बिना लाग-लपेट के कोयला रैक से होने वाले प्रदुषण को खतरे के निशान से ऊपर बताया है इससे साफ है होता है कि लोगों के जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा । श्री पाठक ने कहा कि वायु प्रदुषण रो कने के लिए रेलवे को कई गाइड लाइन दिया गया है। बहरहाल ग्रामीणों के काफी विरोध के बावजूद नियमों की अनदेखी करते हुए धड़ल्ले से लोडिंग अनलोडिंग का कार्य किया जा रहा है।

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