सपा के गढ़ आजमगढ़ और रामपुर में भी खिला कमल, BJP की जीत, पंजाब में AAP की हार

नई दिल्‍ली: तीन लोकसभा सीटों के उपचुनाव का परिणाम आ गया है। यूपी में बीजेपी ने सपा को उसके गढ़ रामपुर और आजमगढ़ में मात दे दी है। रामपुर में बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम सिंह लोधी ने सपा उम्मीदवार सपा उम्मीदवार को आसिम रजा को 42 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया। आजमगढ़ में बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को हराया। पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। संगरूर लोकसभा उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान ने जीत हासिल की है। मान ने इस सीट पर आप के उम्मीदवार गुरमेल सिंह को पराजित किया है। वहीं, त्रिपुरा में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को तीन और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। बीजेपी ने त्रिपुरा की जुबराजनगर, सुरमा और टाउन बारदोवाली सीट पर जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस को अगरतला सीट पर जीत मिली है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने टाउन बारदोवाली सीट से जीत हासिल की। उनका सीएम बने रहने के लिए उपचुनाव जीतना जरूरी था।
दिल्ली में आप ने दर्ज की जीत, दुर्गेश पाठक जीते
दिल्‍ली की राजिंदर नगर सीट से आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक चुनाव जीत गए हैं। पाठक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार राजेश भाटिया को 11 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया है। त्रिपुरा की 4 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 3 जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली। आंध्र प्रदेश की आत्माकुरु विधानसभा सीट से YSR कांग्रेस के विक्रम रेड्डी ने 88 हजार से ज्‍यादा वोटों से जीत दर्ज की। झारखंड की मांडर सीट की काउंटिंग चल रही है। यहां कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की संयुक्त उम्मीदवार शिल्पी तिर्की आगे चल रही हैं।
आजमगढ़ सीट से बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर कहा कि वह आजमगढ़ के लिए निकल रहे हैं और लोगों के लिए काम करेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार वह आजमगढ़ सीट से आगे चल रहे हैं।
मुस्लिम-यादव समीकरण के कारण वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव करीब 60 फीसदी वोट प्रतिशत पर अपना कब्जा जमाने में कामयाब रहे थे। भाजपा के निरहुआ को तब करीब 35 फीसदी वोट ही मिले थे। उस चुनाव में अखिलेश यादव और मायावती का गठबंधन था। अखिलेश के पक्ष में मायावती का वोट बैंक टर्नअप होता दिखा और इस हिसाब से उनकी जीत का अंतर काफी बड़ा था। आजमगढ़ में भाजपा अपने वोट बैंक को बचाए रखने में कामयाब होती दिख रही है। वहीं, सपा और बसपा के बीच अपने-अपने वोट बैंक बंटते दिख रहे हैं। इससे पहले भी जब वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अलग-अलग लड़ी थी तो वोट इसी प्रकार से बंटते दिखे थे।

लोकसभा चुनाव 2014 में मुलायम सिंह यादव को भी 35.43 फीसदी ही वोट मिले थे। उस समय उनका मुकाबला कभी सपा के ही सांसद रहे रमाकांत यादव से था। रमाकांत तब भाजपा के टिकट पर दूसरी बार चुनावी मैदान में थे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत यादव 35.13 फीसदी फीसदी वोट लाकर जीते थे। 2014 के चुनाव में भाजपा के रमाकांत यादव को 28.85 फीसदी और बसपा के गुड्‌डू जमाली को 27.75 फीसदी वोट मिले थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब वोट नहीं बंटा तो आजमगढ़ को सपा के अखिलेश यादव ने 2 लाख 59 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।

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