युवाओं में Air Force में अग्निवीर बनने के लिए दिखा जोश, 3 दिन में कुल 94,281 ने किया आवेदन

वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरू हो चुकी है. अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायुसेना में अग्रिनवीर बनने के लिए पिछले तीन दिनों में कुल 94,281 आवेदन आ चुके हैं. वायुसेना के मुताबिक, 27 जून यानि सोमवार सुबह 10.30 तक कुल 94,281 अभ्यर्थियों ने वायुसेना की वेबसाइट पर वायु-अग्निवीर के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन यानी पंजीकरण कर चुके हैं. 24 जून की सुबह ऑनलाइन आवदेन शुरु हुआ था जो 5 जुलाई तक चलेगा. आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना में अग्निपथ योजना के तहत ये पहली भर्ती प्रक्रिया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत थलसेना और नौसेना में अग्निवीर बनने के लिए आवेदन 1 जुलाई से शुरु होगा.
अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायु सेना में अग्निवीर चाल साल के लिए की जाएगी. बता दें कि अग्निवीर वायु किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग भारतीय वायु सेना में एक अलग रैंक होगी. हांलाकि, भर्ती के बाद चार साल की सेवा पूरी करने के बाद वायु अग्रिवीर को भारतीय वायु सेना में परमानेंट नौकरी करने के लिए आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा.

गौरतलब है कि कई राजनीतिक दलों ने भारतीय सेना के तीनों अंगों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की नई नीति का शुरूआत से ही विरोध किया है. अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कई हिंसक प्रदर्शन भी देखने को मिले. जहां प्रदर्शनकारियों ने इस योजना के विरोध में कई सार्वजनिक स्थानों पर तोड़फोड़ की. इस योजना का सबसे अधिक विरोध बिहार में देखने को मिला. जहां भीड़ ने अग्निपथ योजना के खिलाफ मोर्चा निकाला और ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. इस योजना के विरोध में हुए प्रदर्शनों में सबसे अधिक नुकसान रेलवे को हुआ है. जिसमें रेलवे की करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.

सियासी दलों ने किया योजना का विरोध

वहीं, दूसरी तरफ राजनीतिक दलों ने भी सरकार की अग्निपथ योजना पर एतराज जताया है. कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना को देश के युवाओं के भविष्य के खिलाफ बताया है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इस योजना को वापस लेने की मांग करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना प्रदर्शन भी किया. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर अग्निपथ योजना के जरिए देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस की मांग है कि इस योजना के लागू होने से पहले ही देश का युवा सड़कों पर है. यह योजना युवा विरोधी है और इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए.

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