80 प्रतिशत पार्किंग क्षेत्र अतिक्रमित, हो रहा राजस्व का नुकसान पार्किंग संवेदकों ने जिला प्रशासन से लगाई गुहार

जमशेदपुर 28 जनवरी संवाददाता
जमशेदपुर में पार्किंग को लेकर चल रहे विवाद एवं खींचतान के बीच आज जेएनएसी क्षेत्र के सभी पार्किंग संवेदकों ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर पार्किंग में आ रही अपने परेशानियों को उजागर किया और उपायुक्त से पूरे मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई. संवेदकों ने कहा कि जेएनएसी द्वारा दिये गये पार्किंग स्थल में से लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र सब्जी, ठेला एवं दुकानों द्वारा अतिक्रमित किया गया है. बार-बार गुहार लगाये जाने के बावजूद वहां से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है. जिसकारण राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है. जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी द्वारा पार्किंग बंदोबस्ती शुल्क कम करने के आश्वासन के बाद समिति द्वारा जांच कराई गई. जिसमें बंदोबस्ती क्षेत्र के अतिक्रमित भाग के बंदोबस्ती शुल्क को कम करने का भरोसा दिया गया था, मगर आजतक उसे क्रियान्वित नहीं किया गया. यह भी कहा गया कि जेेएनएसी के विशेष पदाधिकारी द्वारा अतिक्रमित पार्किंग क्षेत्र में पार्किंग वसूली पर रोक लगाई गई है. उक्त जानकारी आज संवेदकों ने संवाददाता सम्मेलन में दी. संवाददाता सम्मेलन में किशोर कुणाल, सुधांशु ओझा, एमके शाही और शिवानंद सिंह मौजूद थे.
संवेदकों द्वारा कहा गया कि पार्किंग क्षेत्र में वाहन चोरी होने पर पार्किंग ठेकेदार द्वारा पुलिस को सहयोग किया जाएगा. साथ ही पार्किंग कर्मियों का फोटोयुक्त पहचान पत्र के साथ मोबाइल नं. भी सार्वजनिक किया जाएगा. पार्किंग क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने को भी प्रशासन से गुहार लगाई. साथ ही यह भी कहा गया कि यदि पार्किंग क्षेत्र में गाड़ी पार्क करनेवाला पार्किंग शुल्क देने में आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में पार्किंग ठेकेदारों को लेकर प्रकाशित होनेवाले समाचारों से आम लोगों में संवेदकों के बारे में गलत संदेश जा रहा है और पार्किंग वसूली के समय हमेशा विधि व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो जाती है, जिससे राजस्व वसूली में कठिनाई हो रही है. बिष्टुपुर क्षेत्र के बारे में कहा गया कि वहां अधिकांश पार्किंग क्षेत्र ओरेंज जोन है. वहां सरकारी कार्यालय व प्रतिष्ठान होने के कारण पार्किंग में खड़े होनेवाले वाहन सुबह से लेकर शाम तक आठ से दस घंटे रह जाते हैं. समझौते के अनुसार प्रति दो घंटा के लिये किराया देना है, मगर जेएनएसी द्वारा ऐसा करने से मना किया गया है. जिस वजह से उन्हें प्रति दो घंटा की वजह से वसूली नहीं हो पाने के कारण राजस्व का नुकसान हो रहा है.

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